अनुलोम विलोम करने के 5 फायदे: शरीर और मन के लिए एकाग्रता का स्रोत

योग एक प्राचीन भारतीय प्रणाली है जिसमें शरीर, मन, और आत्मा का संतुलन बनाए रखने की शिक्षा दी जाती है। योग की अनेक प्रकारी हैं, जिनमें से एक है अनुलोम विलोम प्राणायाम। यह एक प्रकार का दीर्घकालिक श्वासायाम (योगिक प्राणायाम) है जिसमें श्वास को नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से विभिन्न नासिका चिंचिती से श्वास लिया जाता है। यहाँ हम अनुलोम विलोम के 5 महत्वपूर्ण लाभों पर ध्यान केंद्रित करेंगे

अनुलोम विलोम करने के 5 फायदे

1. स्वास्थ्य सुधार: अनुलोम विलोम करने से श्वास और प्राण वायु शरीर के भेदभावित केंद्रों में पहुंचते हैं, जिससे प्राणायाम सिस्टम सुधारता है। यह श्वास की गहराई और श्वास दर को संतुलित करके सांस लेने की क्षमता को बढ़ाता है।

2. मानसिक स्थिति को सुधारना: यह प्राणायाम मन को शांति और स्थिरता प्रदान करता है। अनुलोम विलोम करने से मस्तिष्क को आराम मिलता है और मानसिक समता बढ़ती है।

3. तंतु के लिए लाभकारी: यह प्राणायाम सीधी नसों को मजबूती देता है जिससे शरीर की ऊर्जा शक्ति और कार्यक्षमता बढ़ती है।

4. स्वास्थ्यप्रद जीवनशैली के लिए मदद: यह प्राणायाम श्वास से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है, जैसे थकान, तनाव, और चिंता।

5. उच्च रक्तचाप का नियंत्रण: अनुलोम विलोम करने से रक्त प्रवाह में सुधार होता है, जिससे रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

6 . एकाग्रता और स्मृति में सुधार करता है: अनुलोम विलोम मस्तिष्क को ऑक्सीजन प्रदान करता है और एकाग्रता, स्मृति और ध्यान में सुधार करने में मदद करता है।

7. पाचन क्रिया में सुधार करता है: अनुलोम विलोम पाचन क्रिया में सुधार करता है और कब्ज, अपच और अन्य पाचन समस्याओं से राहत देता है।


अनुलोम विलोम कैसे करें

  • एक शांत जगह पर बैठें और अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
  • अपने दाहिने हाथ के अंगूठे से अपनी दाहिनी नाक के छिद्र को बंद करें।
  • धीरे-धीरे अपनी बाईं नाक के छिद्र से सांस लें।
  • जब आप सांस लेते हैं, तो अपने मन को शांत रखें और सकारात्मक विचारों पर ध्यान दें।
  • जब आप सांस छोड़ते हैं, तो अपने दाहिने नाक के छिद्र को खोलें और अपनी बाईं नाक के छिद्र को बंद करें।
  • इस प्रक्रिया को 5-10 मिनट तक दोहराएं।

अनुलोम विलोम करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें

  • अनुलोम विलोम खाली पेट करें।
  • अनुलोम विलोम करते समय अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
  • अनुलोम विलोम करते समय अपनी आंखें बंद रखें।
  • अनुलोम विलोम करते समय धीरे-धीरे और गहरी सांस लें।

Bablu Bhengra
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