पतंजलि आयुर्वेद कोरोना के लिए बनाई गई अपनी दवाई कोरोनिल किट की वजह से काफ़ी विवादो और सुर्खियों में रही तथा आज हम कोरोनील किट मैं उपस्थित दवाई श्वासारी वटी के फायदे
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श्वासारि वटी क्या हैं
श्वासारि वटी पतंजलि आयुर्वेद का एक आयुर्वेदिक उत्पाद हैं जो की कोरोनिल किट के साथ अथवा अलग से भी उपल्ब्ध है श्वासारी वटी मुख्या रूप से स्वास सम्बंधी रोगों के लिए उपयोगी ओर सहायक दवाई हैं।
श्वासारी वटी के फ़ायदे।swasari vati ke fayde in hindi
श्वासारि वटी कई प्रकार की विभिन्न औषधियों को मिलाकर बनाई गई दवाई हैं तो आइए जानते हैं की श्वासारि वटी का सेवन करने के क्या लाभ है?
1. खासी के लिए श्वासारी वटी एक फायदेमंद और उपयोगी औषधी हैं इसके इस्तेमाल से खासी मैं काफी राहत और लाभ मिलता हैं।
2. सामान्य सर्दी के लिए भी श्वासारी वटी एक कारगर औषधी है इसके उपयोग से सर्दी की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
3. ब्रोकाइटीज ऐसी स्थिति हैं जिसमे स्वास नालियां सूज जाती हैं जिसके कारण फेफड़ों में प्रयाप्त मात्रा मैं ऑक्सीजन नही पहुंच पाता है।
तथा श्वासारी वटी ब्रोकाइटीज के उपचार हेतु भी बेहद लाभकारी है इसके नियमित इस्तेमाल से ब्रोकाइटीज मैं काफी लाभ लिया जा सकता हैं।
4. अस्थमा के लिए भी श्वासारी वटी फायदेमंद मानी जाती हैं यह अस्थमा के लक्षणों को कम करने मैं एक सहायक औषधी के रूप में कार्य करती हैं।
5.श्वासारी वटी स्वास नली और फेफड़ों में जमे बलगम के लिए भी काफ़ी मददगार हैं यह जमे हुए बलगम को बहार निकलने का कार्य करती है।
6. श्वासारी वटी स्वास नली और फेफड़ों में होने वाले संक्रमण से बचाव के लिए भी एक सहायक औषधी के रूप मै बेहतर ढंग से कार्य करती हैं।
7. श्वासारी वटी मैं अनेकों प्रकार की औषधि मोजूद हैं जो की टीवी यानी की क्षय रोग मैं भी उपयोगी ओर सहायक हैं।
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श्वासारि वटी के नुकसान। swasari vati side effects in hindi
श्वासारी वटी एक पूर्ण आयुर्वेदिक दवाई तथा हैं जिसके कारण इसके दुष्प्रभाव अभी तक देखने को नहीं मिले हैं तथा इसे पूर्ण रुप सुरक्षित कहा जा सकता हैं आयुर्वेदिक चिकित्सा जगत मैं भी इसके दुष्प्रभावों के बारे में ज्यादा अधिक जानकारी उपल्ब्ध नही हैं।
लेकिन श्वासारि वटी के दुष्प्रभाव कुछ स्थितियों में देखने को मिल सकते हैं तो आइए जानते है की श्वासारि वटी के नुकसान क्या हैं?
- श्वासारी वटी का इस्तेमाल यदि ज्यादा अधिक मात्रा मैं गलत तरीके से किया जाता है तो यह नुकसान दायक सिद्ध हो सकता हैं।
- एल्कोहल के सेवन के बाद इसका उपयोग किया जाए तो यह आपके शरीर मैं विपरीत प्रभाव डाल सकता हैं।
- यदि आप एक्सपायरी हो चुकी श्वासारी वटी का सेवन करते हैं तो भी इसके दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।
यदि आपको श्वासारी वटी के उपयोग के दौरान कुछ दुष्प्रभाव देखने को मिलते है तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें ओर जानकारी दे ।
यदि श्वासारी वटी के दुष्प्रभावों से जुड़े आपके कुछ अनुभव है तो कमेंट के माध्यम से हमारे साथ जरूर शेयर करें यह हमारे और हमारे पाठको के लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी होगी।
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श्वासारी वटी सम्बंधित सावधानी
श्वासारी वटी एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसके दुष्प्रभाव अभी तक देखने को नहीं मिले हैं लेकिन किन्ही स्थितियों मैं कुछ सावधानियां है जो आपको ध्यान मैं रखना जरूरी हैं।
तो आइए जानते हैं की श्वासारी वटी का सेवन कब नही करना चाहिए और किन लोगो को इसके सेवन से बचना चाहिए।
1. कई लोगो के मन मैं यह सवाल होता है की क्या पतंजलि दिव्य श्वासारि वटी का सेवन स्तनपान कराने वाली महिलाओं को करना चाहिए ?
गर्भवती महिलाओ को श्वासारी वटी का सेवन नहीं करना चाहिए यदि किसी वजह से करते भी है तो चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
2. ऐसे लोग जो की किसी गंभीर स्वास सम्बंधी समस्या से पीड़ित है तथा उपचार ले रहे हैं तो उन्हें श्वासारी वटी का सेवन डॉक्टर के परामर्श से करना चाहिए।
3. ऐसी महिलाएं जो की हाल ही में मां बनी है तथा शिशु को स्थानपान कराती है उन्हे श्वासारी वटी का सेवन चिकित्सक के परामर्श से ही करना चाहिए।
4. यदि आपको श्वासारी वटी मैं उपस्थित किसी भी घटक सामग्री से किसी प्रकार की एलर्जी है तो इसके सेवन से परहेज करे।
5.श्वासारी वटी का सेवन इस पर दिए गए दिशा निर्देश अथवा चिकित्सक द्वारा बताए गए अनुसार ही करना सही होता है।
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श्वासारि वटी खाने का तरीका
किसी भी दवाई को लेने का एक सही समय,मात्रा ओर तरीका होता है तभी यह सही ढंग से अपना कार्य करती हैं और आपको फायदा पहुंचाती है। तो श्वासारि वटी का इस्तेमाल कैसे करें ?
व्यस्क और बुजुर्ग
श्वासारी वटी का सेवन दिन मैं दो बार 2–2 गोली भोजन के बाद हल्के गरम पानी के साथ किया जाता हैं।
बच्चे
बारह साल से कम उम्र के बच्चो को श्वासारी वटी का सेवन दिन मैं दो बार एक – एक गोली भोजन के बाद हल्के गरम पानी के साथ करना चाहिए।
दुविधा : वह लोग जो की बिना चिकत्सक के परामर्श के श्वासारी वटी का सेवन करते हैं उनके मन मैं यह दुविधा रहती है।
की श्वासारी वटी का सेवन भोजन के पहले करते हैं या बाद में क्योंकि इस पर किसी प्रकार का निर्देश नही दिया होता हैं की इसे भोजन के बाद ले या पहले। इस दुविधा से बचने के लिए चिकित्सक की सलाह ले।
व्यक्तिगत अनुभव : मेने जब श्वासारी वटी का सेवन किया था तो मुझे डॉक्टर ने इसे खाली पेट दो गोली हल्के गरम पानी के साथ लेने की सलाह दी थी।
श्वासारी वटी का सेवन कितने समय तक करना चाहिए?
श्वासारी वटी कितने समय तक लेना चहिए? इसकी कोई निश्चित अवधि नही हैं यह आपके शारीरिक के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है यदि आप किसी छोटी और सामान्य समस्या के लिए श्वासारी वटी का सेवन करते हैं तो आपको इसे कुछ समय तक ही लेना होगा।
लेकिन यदि आप किसी गंभीर और पुरानी समस्या के निदान के लिए इसका सेवन कर रहे है तो आपको इसे लंबे समय तक लेने की आवश्यकता है।
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दिव्य श्वासारि वटी के घटक। swasari vati ingredients in hindi
- मुलेठी,
- काकदासिंगी,
- रुदंती,
- ध्वनि,
- मारीच,
- छोटी पीपल,
- लवांग,
- दालचीनी,
- अकरकरा,
- अभ्रक भस्म,
- मुक्ता शुक्ति भस्म,
- गोदंती भस्म,
- कपर्दक भस्म,
- प्रवल पिष्टी,
- स्फटिक भस्म,
- टंकन भस्म
श्वासारि वटी प्राइस
पतंजली दिव्य श्वासारी वटी की कीमत भारत मैं 120/– रुपए है जिसमे की 80 गोलियां उपलब्ध होती हैं इसे आप अपने किसी भी नजदीकी पतंजलि स्टोर अथवा आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर से खरीद सकते है इसके अतिरिक्त यह आपको ऑनलाइन भी मिल जायेगा।
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