मियादी बुखार की आयुर्वेदिक दवा। बुखार की सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा पतंजलि। मियादी बुखार की घरेलू दवा। टाइफाइड की सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा कौन सी है? टाइफाइड बुखार को जड़ से खत्म करने के लिए क्या करें? टाइफाइड में कौन सा काढ़ा पीना चाहिए?
मियादी बुखार की आयुर्वेदिक दवा: मियादी बुखार जिसे टाइफाइड के नाम से भी जाना जाता है यह एक बैक्टीरिया संक्रमण है जो साल्मोनेला एंटेरिका नाम के बैक्ट्रिया के कारण से होता है यह बैक्टीरिया हमारे शरीर में दूषित भोजन अथवा पानी के जरिए प्रवेश करते हैं।
मियादी बुखार के सामान्य लक्षणों में सिर दर्द, बदन दर्द ,तेज बुखार ,कब्ज और भूख न लगना शामिल है। मियादी बुखार के इलाज के लिए हर चिकित्सा पद्धति में उपचार और दवाइयां मौजूद है तथा इस लेख में हम मियादी बुखार की आयुर्वेदिक दवा के बारे मैं जानेंगे।
- मुलोंडो पाउडर के फायदे नुकसान उपयोग।
- पेशाब खुलकर आने की दवा पतंजलि।
- पतंजलि श्वासारि गोल्ड कैप्सूल के फायदे।
विषय सूची
मियादी बुखार की आयुर्वेदिक दवा। Ayurvedic Medicine for Typhoid in Hindi
टाइफाइड की सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा कौन सी है? आयुर्वेद चिकित्सा भारत एक बहुत पुरानी और कारगर चिकित्सा पद्धति है जिसमें मियादी बुखार के लिए विभिन्न प्रकार की दवाएं मौजूद है तो आइए मियादी बुखार के उपचार के लिए उपयोग की जाने वाली आयुर्वेदिक दवाओ के बारे मैं जानते है।
1. गिलोय (गुडुची)
गिलोय एक बहुउपयोगी प्राकृतिक औषधि है जिसे गुडुची, गुरबेल और शंशमनी के नाम से भी जाना जाता है तथा कोरोना महामारी के दौरान यह और भी ज्यादा लोगों में प्रचलित हो गया है गिलोय के उपयोग से मियादी बुखार समेत अन्य बुखार और ज्वार में विशेष लाभ मिलता है। यह मियादी बुखार के लक्षणों से राहत पाने मैं मदद करता है।
तथा इसके उपयोग से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली भी मजबूत होती है जिससे की सामान्य सर्दी, खासी,जुकाम और वायरल संक्रमण से शरीर जल्दी प्रभावित नहीं होता है।
2. महासुदर्शन घन वटी।
महासुदर्शन घन वटी मियादी बुखार के लिए उपयोग की जाने वाली एक बहुत ही प्रचलित और फायदेमंद दवाई है महासुदर्शन घन वटी मैं 40 से भी अधिक बहुमूल्य औषधीय सम्मिलित है। यह सभी प्रकार के बुखारो के लिए फायदेमंद होता है इसके अलावा यह मियादी बुखार में होने वाले लक्षण हाथ पैर दर्द, बदन दर्द,भूख ना लगना जैसी सभी लक्षणों की रोकथाम भी करता है।
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3. संजीवनी वटी
संजीवनी वटी आयुर्वेद चिकित्सा में एक बहु उपयोगी और फायदेमंद दवाई है जो मियादी बुखार समेत सभी प्रकार के बुखार और और उनसे जुड़े लक्षण सर्दी,जुखाम, खासी, बदन दर्द और हाथ पर दर्द की रोकथाम के लिए लाभकारी होती है।
3. त्रिभुवनकीर्ति रस
त्रिभुवनकीर्ति रस मियादी बुखार और अन्य सामान्य बुखार के लिए उपयोग की जाने वाली एक प्रचलित दवाई है यह मियादी बुखार के इलाज और उससे जुड़े लक्षण जैसे की सर्दी ,जुकाम ,नसों में दर्द ,खांसी , पाचन संबंधी समस्या इन सभी की रोकथाम में मदद करता है।
त्रिभुवन कीर्ति रस के मुख्य घटकों में त्रिकटु,अदरक , सुहागा, पिपली और काली मिर्च जैसी औषधियां शामिल है।
4. महासुदर्शन चूर्ण
मियादी बुखार के लिए उपयोग की जाने वाली आयुर्वेदिक दावों में महासुदर्शन चूर्ण एक फायदेमंद दवाई है यह मियादी बुखार और इससे जुड़े लक्षणों के उपचार के लिए बहुत उपयोगी है यह बुखार ,हाथ पैर दर्द ,बदन दर्द स,र्दी जुकाम ,खांसी जैसे लक्षणों से राहत पाने में मदद करता है।
महासुदर्शन चूर्ण के मुख्य घटकों मैं देवदार, हल्दी, जायफल, लौंग, काली मिर्च, मुस्ता, पिप्पली, अदरक, शलपर्णी, विडंग जैसी औषधियां शामिल है।
5. महासुदर्शन काढ़ा
महासुदर्शन घनवटी की तरह ही महासुदर्शन काढ़ा मियादी बुखार और इससे जुड़े लक्षणों की रोकथाम के लिए उपयोग किए जाने वाला एक बहुत अच्छी आयुर्वेदिक दवाई है इसमें 40 से भी अधिक बहुमूल्य आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां को सम्मिलित किया गया है जो सभी प्रकार के बुखार के लिए उपयोगी होता है और इससे जुड़े लक्षण सर्दी खांसी जुकाम हाथ पैर दर्द बदन दर्द सिर दर्द और भूख न लगने जैसी स्थितियों के उपचार में मदद करता है।
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मियादी बुखार की आयुर्वेदिक दवा के नुक्सान, दुष्प्रभाव, साइड इफेक्ट्स ।
लेख मैं बताई गई दवाये पूर्णतः आयुर्वेदिक हैं तथा यही कारण हैं की इसके दुष्प्रभावों के बारे मैं चिकित्सा जगत मैं कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है अथवा अज्ञात हैं।
लेकिन कुछ स्थितियों में इन दवाओं के दुष्प्रभाव शरीर पर हो सकते हैं तो आईए जानते हैं कि इन दवाओं के क्या नुकसान हो सकते हैं।
- निर्धारित मात्रा से अधिक और गलत तरीके से इन दवाओं का सेवन किया जाता है तो ऐसी स्थिति में इसके दुष्प्रभाव शरीर पर हो सकते हैं।
- शराब पीने के बाद यदि कोई व्यक्ति इन दवाओं का उपयोग करता है तो ऐसी स्थिति में भी इसके दुष्प्रभाव शरीर पर हो सकते हैं क्योंकि यह शराब के साथ मिश्रित होकर शरीर पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है।
- ऐसे व्यक्ति जो की किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है और बिना अपने चिकित्सक की सलाह के इन दवाओं का सेवन करते हैं तो ऐसी स्थिति में भी इसके दुष्प्रभाव होने के मौके बन सकते हैं।
- इन दवाओं मैं उपस्थित किसी घटक सामग्री से एलर्जी होने के बावजूद भी यदि इसका सेवन किया जाता है तो ऐसी स्थिति में भी इसके दुष्प्रभाव शरीर पर हो सकते हैं।
- एक्सपायर हो चुके दवाओं का सेवन किए जाने पर भी इन दवाओ के दुष्प्रभाव शरीर पर देखने को मिल सकते हैं। अथवा उपयोग से पहले पैक पर एक्सपायरी डेट अवश्य चेक करें।
मियादी बुखार के लिए बताई गई दवाओं के इस्तेमाल के दौरान किसी भी प्रकार के दुष्प्रभावों का अनुभव होने पर इसका सेवन बंद कर दे और तुरंत चिकित्सक से संपर्क करे।
लेख मैं बताई गई आयुर्वेदिक दवाओं के दुष्प्रभावों से जुड़े यदि आपके कुछ व्यक्तिगत अनुभव या जानकारी है तो कमेंट के माध्यम से हमारे साथ जरूर शेयर करें यह हमारे और हमारे पाठकों के लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी होगी।
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मियादी बुखार की आयुर्वेदिक दवा से संबंधित सावधानी।
मियादी बुखार की आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जिन्हें ध्यान में रखना बेहद जरूरी है इन सावधानियां को यदि आप ध्यान में रखते हैं तो अनजाने में होने वाली कई प्रकार के नुक़सान से बच सकते हैं।
- गर्भवती महिलाओं को इन दवाओं का सेवन चिकित्सक की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
- ऐसे व्यक्ति जो वर्तमान समय में किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है और उपचार ले रहे हैं उन्हें इन दवाओं का सेवन अपने चिकित्सक की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
- हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मरीजों को इन दवाइयों का सेवन अपने चिकित्सक की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
- बताई गई दवाओं मैं उपस्थित घटक सामग्री से किसी भी प्रकार की एलर्जी अथवा समस्या होने पर इसका का सेवन न करें।
- इन दवाओं का सेवन पैक पर दिए गए निर्देश अथवा चिकित्सक द्वारा बताए गए तरीकों से ही सेवन करें।
- अन्य किसी भी दवाई अथवा सप्लीमेंट्स के साथ इन दवाओं का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।
- मियादी बुखार के लिए बताई है आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन करने से पहले अपनी वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति पर अच्छे से समीक्षा करें।
- इन दवाओं का सेवन करने से पहले पैक पर दिए गए सभी महत्वपूर्ण निर्देशों को ध्यानपूर्वक पड़े।
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FAQ: मियादी बुखार की आयुर्वेदिक दवा। टाइफाइड की आयुर्वेदिक दवा
Q: टाइफाइड की सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा कौन सी है?
Ans: टाइफाइड के उपचार के लिए आयुर्वेदिक की सबसे अच्छी दावों में महासुदर्शन वटी और काढ़ा, ज्वरनाशक वटी,गिलोय,त्रिभुवन कीर्ति रस को माना जाता है।
Q: टाइफाइड में कौन सा काढ़ा पीना चाहिए?
Ans: टाइफाइड में इसके उपचार और रोकथाम के लिए मांस दर्शन कथा पीना फायदेमंद चाहिए।
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