पतंजलि एसिडिटी की दवा। Patanjali medicine for acidity in hindi

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एसिडिटी लोगों में होने वाली एक बेहद आम समस्या हो गई है जिससे कि वर्तमान समय में अधिकांश लोग पीड़ित है एसिडिटी के उपचार के लिए हर चिकित्सा पद्धति में विभिन्न प्रकार की दवाई और उपचार मौजूद है जिन्हें आप चिकित्सक की सलाह से ले सकते हैं।

तथा इस लेख मैं हम पतंजलि एसिडिटी की दवा के बारे मैं जानेंगे तथा इन दवाओ का उपयोग केसे किया जाता है इसके इस्तेमाल के दौरान आपको कौन-कौन सी सावधानियां रखनी चाहिए इसके बारे में भी हम इस लेख में जानेंगे।


विषय सूची

पतंजलि एसिडिटी की दवा। patanjali medicine for acidity in hindi

पतंजलि में एसिडिटी की दवा कौन सी है? पतंजलि आयुर्वेद में एसिडिटी के उपचार के लिए विभिन्न प्रकार की दवाई उपलब्ध हैं तथा जब हम एसिडिटी की दावों के बारे में पता करने के लिए पतंजलि स्टोर गए।जहां हमें पतंजलि में कार्य कर रहे चिकित्सक से एसिडिटी की दवाई के बारे मैं विस्तार से जाना तथा वही दवाओ और उपचार पद्धति के बारे मैं हम आपको बताने वाले है।

हाइपर एसिडिटी की आयुर्वेदिक दवा:

  • दिव्य मुलेठी क्वाथ

दिव्य मुलेठी क्वाथ 2 चम्मच (लगभग 10-15 ग्राम) की मात्रा में लेकर 400 मिली पानी में पकाएं। 100 मिली शेष रहने पर छानकर प्रातः खाली पेट तथा सायं भोजन के 1 घण्टा पूर्व सेवन करें।

  • दिव्य एसिडोग्रिट वटी। Acidogrit Patanjali benefits in Hindi

2-2 वटी प्रातः सायं भोजन के आधा घंटा पूर्व गुनगुने जल से सेवन करें।

व्याधि की अवस्था के अनुसार दिव्य अविपत्तिकर चूर्ण 100 ग्रा., दिव्य मुक्ताशुक्ति 10 ग्रा., दिव्य मोती पिष्टी 4 ग्रा. इन सभी को अच्छे से मिलाकर , 1/2-1/2 चम्मच औषध प्रातः सायं भोजन के आधे घंटे पहले जल से सेवन करें।

  • दिव्य लिवामृत वटी
  • दिव्य लौकीघन वटी

1 या 2 गोली भोजन के बाद प्रातः-दोपहर-सायं (दिन मैं तीन बार) गुनगुने जल से सेवन करें।

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पतंजलि एसिडिटी की दवा। एसिडिटी का आयुर्वेदिक दवाए

पतंजलि आयुर्वेद में एसिडिटी की बताई के दवाओ के अलावा कुछ और भी दवाइयां इसके साथ ली जाती हैं जिससे कि एसिडिटी में बहुत लाभ मिलता है जिसे पतंजलि आयुर्वेद परम्परागत उपचार प्रक्रिया कहती है लिए इसके बारे में जानते हैं।

  • दिव्य मुलेठी क्वाथ

1 चम्मच औषध को 400 मिली पानी में पकाएं और 100 मिली शेष रहने पर उसे छानकर प्रातः, सायं खाली पेट पिएं।

  • दिव्य अविपत्तिकर चूर्ण। पतंजलि एसिडिटी चूर्ण

दिव्य अविपत्तिकर चूर्ण आधा चम्मच सुबह एवं शाम भोजन के आधा घण्टे पहले ताजे जल से सेवन करें।

रोग की गंभीर समस्या या अधिक उम्र में-

  • दिव्य अविपत्तिकर चूर्ण 100 ग्राम
  • दिव्य कामदुधा रस 20 ग्राम
  • दिव्य मुक्ताशुक्ति 10 ग्राम

तीनों औषधियों को मिलाकर आधा-आधा चम्मच सुबह एवं शाम भोजन से आधा घण्टे पहले ताजे जल से सेवन करें।

  • दिव्य हरीतकी चूर्ण

1 चम्मच रात को सोने से पहले गुनगुने जल से लें।

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एसिडिट के लिए पतंजलि बाबा रामदेव के घरेलू उपाय।

पतंजलि आयुर्वेद के ब्रांड एंबेसडर बाबा रामदेव जी एसिडिटी के उपचार के लिए कुछ कारगर और बेहद फायदेमंद घरेलू उपाय और इसके साथ पतंजलि दवाओं के बारे मैं बताते हैं जिनका उपयोग करके एसिडिटी में लाभ लिया जा सकता है इसके बारे में जानते हैं।

धनियां, जीरा, मेथी, सौंफ सम मात्रा में रात को पानी में भिगो दें। प्रातः मसलकर छानकर खाली पेट

सेवन करें। जूस प्रातः काल खाली पेट लें।

2. गाजर, अनार, घृतकुमारी, गेहूँ का ज्वारा, सेब, गिलोय, चुकन्दर अदरक

3. अधिक पित्त होने पर जूस में गिलोय न मिलायें ।

4. व्हीटग्रास, एलोवेरा, लौकी जूस का सेवन करें।

5. पतंजलि न्यूट्रेला DAILY ENERGY दिन में 2-2 कैप्सूल प्रातः सायं गुनगुने जल से लें।

6. विबन्ध होने पर दिव्य चूर्ण या दिव्य उदरकल्प चूर्ण को 1 चम्मच की मात्रा में गुनगुने जल के साथ सेवन करें।

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एसीडिटी के लिए पतंजलि के अन्य उपचार पद्धति।

पतंजलि आयुर्वेद में एसिडिटी के उपचार के लिए दवाई और घरेलू नुस्खे के अलावा भी कुछ उपचार पद्धतियां हैं जिन्हें करके आप एसिडिटी में लाभ ले सकते हैं इस के बारे में जानते हैं।

पंचकर्म चिकित्सा- परिषेक स्वेद, शिरोधारा, वमन, विरेचन, क्षीर वस्ति।

षट्कर्म चिकित्सा- शंखप्रक्षालन, कुँजलक्रिया, योगनिद्रा, त्राटक, एक्यूप्रेशर। 

प्राकृतिक चिकित्सा- पेट का गरम ठंडा सेक, लपेट, मिट्टी की पट्टी, ठंडा कटिस्नान, गरम पाद स्नान, वाष्पस्नान, गीली चादर लपेट।

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एसिडिट के लिए पतंजलि दवा के साईड इफेक्ट,नुकसान, दुष्प्रभाव। Patanjali medicine for acidity side effects in hindi

एसिडिटी के लिए उपयोग की जाने वाली पतंजलि की दवाई पूर्णता आयुर्वेदिक और नेचुरल है तथा यही कारण है कि इसके दुष्प्रभावों के बारे में चिकित्सा जगत में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है अथवा अज्ञात है

लेकिन कुछ स्थितियों में इसके दुष्प्रभाव हमें देखने को मिल सकते हैं तो आईए जानते हैं कि एसिडिटी के लिए उपयोग की जाने वाली पतंजलि दवाइयां के क्या नुकसान है।

  • निर्धारित मात्रा से अधिक और गलत तरीके से यदि पतंजलि की इन दवाओं का उपयोग किया जाता है तो ऐसी स्थिति में भी इसके दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
  • शराब पीने के बाद यदि कोई व्यक्ति इन दवाओं का सेवन करता है तो ऐसी स्थिति में भी इसके साइड इफेक्ट शरीर पर हो सकते हैं क्योंकि यह अल्कोहल के साथ मिलकर शरीर पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है।
  • ऐसे व्यक्ति जो कि किसी बीमारी से पीड़ित है और बिना अपने चिकित्सक की सलाह के इन दवाओं का सेवन करते हैं तो ऐसी स्थिति में भी इसके दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
  • एक्सपायर हो चुके दवाइयां का उपयोग किए जाने पर भी इन दवाओं के दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
  • एसिडिटी के लिए उपयोग की जाने वाली पतंजलि दवाओं में उपस्थित किसी घटक सामग्री से एलर्जी होने के बावजूद भी यदि इसका सेवन किया जाता है तो ऐसी स्थिति में भी इसके दुष्प्रभाव हो सकते हैं।

इन दवाओं के इस्तेमाल के दौरान किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव का अनुभव होने पर इसका सेवन तुरंत बंद कर दें और चिकित्सक से संपर्क करें।

एसिडिटी के लिए उपयोग की जाने वाली इन दवाओं के दुष्प्रभावों से जुड़े यदि आपके कुछ व्यक्तिगत अनुभव या जानकारी है तो कमेंट के माध्यम से हमारे साथ जरूर शेयर करें यह हमारे और हमारे पाठकों के लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी होगी।

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एसिडिटी के लिए पतंजलि दवा से संबंधित सावधानी। Patanjali medicine for acidity related precautions & warnings in hindi

एसिडिटी के लिए पतंजलि दवाओं का सेवन करने से पहले कुछ सावधानियां हैं जिन्हें ध्यान में रखना बेहद जरूरी होता है इन महत्वपूर्ण बातों को यदि आप ध्यान में रखते हैं तो अनजाने में होने वाले कई प्रकार की हानियां से बच सकते हैं।

  • गर्भवती महिलाओं को एसिडिटी के लिए पतंजलि की इन दवाई का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
  • ऐसे व्यक्ति जो कि वर्तमान समय में किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है और उपचार ले रहे हैं उन्हें इसका सेवन अपने चिकित्सक की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
  • हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मरीजों को इन दावों का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
  • ऐसी महिलाएं जो की हाल ही में मां बनी है और अपने शिशु को स्तनपान कराती है उन्हें इसका सेवन डॉक्टर की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
  • एसिडिटी के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं में उपस्थित किसी भी घातक सामग्री से एलर्जी अथवा किसी प्रकार की समस्या होने पर इन दवाओं का सेवन न करें।
  • अन्य किसी भी दवाई अथवा सप्लीमेंट्स के साथ इन दवाओं का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
  • एसिडिटी के लिए पतंजलि की दवाओं का सेवन पैक पर दिए गए निर्देश अथवा चिकित्सक द्वारा बताए गए तरीकों से ही सेवन करें।
  • एसिडिटी के लिए पतंजलि दवाओ का सेवन करने से पहले अपनी वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति पर अच्छे से समीक्षा करें तथा जरूरी होने पर डॉक्टर से भी सलाह लें।
  • एसिडिटी के लिए पतंजलि दवाओं का सेवन करने से पहले पाक पर दिए गए सभी महत्वपूर्ण निर्देशों को ध्यानपूर्वक पड़े।

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हाइपर एसिडिटी की अंग्रेजी दवा। Elopathic medicine for hyper acidity in hindi

अंग्रेजी दवाइयां यानी की एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति भारत में एक प्राथमिक उपचार पद्धति है तथा हाइपर एसिडिटी के लिए अंग्रेजी दवाइयां कुछ इस प्रकार हैं।

  • एसिलॉक 150
  • एसिड 20
  • ओमी कैप्सूल
  • ओमेजी 20
  • ओमेसिप कैप्सूल

(बताई गई किसी भी दवाई का सेवन डॉक्टर की सलाह से कर।)


FAQ: पतंजलि एसिडिटी की दवा

Q: पतंजलि में एसिडिटी की दवा कौन सी है?

Ans: पतंजलि में एसिडिटी के लिए एसिडोग्रिट दवा का उपयोग किया जाता है।

Q: एसिडिटी की सबसे अच्छी दवा कौन सी है?

Ans: एसिडिटी के लिए सबसे अच्छी दावों में अंग्रेजी दवा में ऐसीलॉक आयुर्वेद में अभिव्यक्ति कर चरण एसिडोग्रिट जैसी दवाइयां का उपयोग किया जाता है।

Q: एसिडिटी को जड़ से खत्म करने के लिए क्या करें?

Ans: एसिडिटी को जड़ से खत्म करने के लिए एक स्वस्थ दिनचर्या का पालन करें जिसमें समय पर उठाना और सोना ,समय पर खाना पर्याप्त पानी पीना एक्सरसाइज और योगा करना शामिल करें।

Q: पतंजलि की कौन सी दवा गैस्ट्रिक के लिए सबसे अच्छी है?

Ans: पतंजलि में गैस्टिक के लिए सबसे अच्छी दवा है पतंजलि दिव्या एसिडोग्रिट टैबलेट, पतंजलि दिव्या गैस हर चूर्ण, और अविपत्तिकर चूर्ण है।

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