पतंजलि में साइटिका की दवा। Patanjali medicine for sciatica in hindi

पतंजलि में साइटिका की दवा। साइटिका का अचूक इलाज। साइटिका की एलोपैथिक दवा। बैद्यनाथ साइटिका की दवा। साइटिका की होम्योपैथिक दवा। साइटिका झाड़ने का मंत्र। साइटिका की टेबलेट


साइटिका एक गंभीर बीमारी है जो की पैरों में होने वाला रोग है जिसमें पीड़ित व्यक्ति को असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है साइटिका के इलाज के लिए अनेकों प्रकार की दवाई और उपचार मौजूद है जिन्हें आप शीर्षक की सलाह से ले सकते हैं।

इस लेख मैं हम पतंजलि में साइटिका की दवा के बारे मैं जानेंगे साथ ही साथ इन दवाओ का उपयोग केसे किया जाता है तथा इसके इस्तेमाल के दौरान कौन कौन सी सावधानियां आपको रखनी चाहिए इसके बारे मैं भी हम इस लेख मैं जानेंगे।

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पतंजलि में साइटिका की दवा। Patanjali medicine for sciatica in hindi

पतंजलि मैं साइटिका के उपचार के बारे मैं पता लगाने के लिए जब हम पतंजलि के अधिकृत स्टोर पर गए तो वहां कार्यरत चिकित्सक ने हमे साइटिका के इलाज के लिए कुछ दवाइयों के बारे मैं बताया। तथा उन्ही दवाओ के बारे मैं हम जानेंगे।

  • दिव्य पीड़ान्तक क्वाथ
  • दिव्य पारिजात क्वाथ

दोनों औषधियों को मिलाकर 2 चम्मच (लगभग 10-15 ग्राम) की मात्रा में लेकर 400 मिली पानी में पकाएं। 100 मिली शेष रहने पर छानकर प्रातः खाली पेट तथा सायं भोजन के 1 घण्टा पूर्व सेवन करें।

  • दिव्य पीड़ानिल गोल्ड वटी
  • पतंजलि स्पिरुलिना मोरिंगा कैप्सूल

2-2 गोली / कैप्सूल सुबह शाम भोजन के पूर्व गुनगुने जल से सेवन करें।

  • दिव्य ऑर्थोग्रिट वटी

2-2-2 वटी सुबह दोपहर शाम भोजन के बाद गुनगुने जल से सेवन करें। 

इसके अतिरिक्त व्याधि अवस्थानुसार: 

  • दिव्य चन्द्रप्रभा वटी
  • दिव्य त्रयोदशाङ्ग गुग्गुलु
  • दिव्य अश्वशिला

1-1 गोली कैप्सूल सुबह और शाम खाने के बाद गुनगुने जल से सेवन करें।हू

  • दिव्य पीड़ानिल स्प्रे स्थानिक प्रयोग करें।
  • व्पीड़ान्तक तैल या दिव्य पीड़ान्तक बाम या दिव्य महानारायण तैल का भी प्रयोग किया जा सकता हैं।

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पतंजलि में साइटिका की परंपरागत दवा। Patanjali medicine for sciatica in hindi

यह पतंजलि आयुर्वेद की परंपरागत चिकित्सा पद्धति है जिसका उपयोग शुरुवाती दौर से पतंजलि मैं किया जाता रहा है तो आइए पतंजलि में साइटिका की परंपरागत दवाई के बारे मैं जानते है।

  • दिव्य दशमूल क्वाथ
  • दिव्य पीड़ान्तक क्वाथ

दोनों औषधियों को मिलाकर 1 चम्मच (लगभग 5-7 ग्राम) की मात्रा में लेकर 400 मिली पानी में पकाएं और 100 मिली शेष रहने पर छानकर प्रातः, सायं खाली पेट पिएं। (निर्गुण्डी तथा हरसिंगार के 3-4 पत्तों को काढ़े के साथ मिलाकर देने से विशेष लाभ होता है।)

  • दिव्य एकांगवीर रस10 ग्राम
  • दिव्य स्वर्णमाक्षिक भस्म 5 ग्राम
  • दिव्य प्रवाल पिष्टी 10 ग्राम
  • दिव्य गोदन्ती भस्म 10 ग्राम

सभी औषधियों को मिलाकर 60 पुड़िया बनाएं, सुबह नाश्ते एवं रात को भोजन से आधा घण्टा पहले जल या शहद से सेवन करें। 

नोट: अत्यधिक पीड़ा होने पर दिव्य वृहत् वातचिन्तामणि रस को 1 से 2 ग्राम पुड़िया में मिला लेने से पीड़ा में तत्काल लाभ होता है।

  • दिव्य त्रयोदशांग गुग्गुलु
  • दिव्य पीड़ान्तक वटी
  • दिव्य शिलाजीत रसायन

1-1 गोली दिन में 3 बार सुबह नाश्ते, दोपहर भोजन एवं शाम को भोजन के आधे घण्टे बाद  गुनगुने जल से सेवन करे।

  • अधिक पीड़ा होने पर दिव्य विषतिन्दुक वटी (1-1 गोली) सुबह एवं शाम सेवन करने से विशेष लाभ होता है।
  • दिव्य पीड़ान्तक तैल से पीडायुक्त स्थान पर मालिश करें।

1. पतंजलि न्यूट्रेला BONE HEALTH Natural दिन में 2-2 कैप्सूल प्रातः सायं गुनगुने जल से सेवन करने पर सायटिका मैं लाभ मिलता है।

2. पतंजलि न्यूट्रेला VIT D2K  Natural दिन में 2-2 वटी प्रातः सायं गुनगुने जल से सेवन करें। 

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पतंजलि साइटिका के लिए नेचुरल चिकित्सा पद्धति।

पंचकर्म चिकित्सा- ग्रीवा वस्ति / कटिवस्ति, अभ्यङ्ग, सर्वाङ्ग वाष्पस्वेदन, नाडीस्वेदन, एरण्डमूलादि निरूह वस्ति अनुवासन वस्ति, उपनाहस्वेद, रक्तमोक्षण।

षट्कर्म चिकित्सा- जलनेति, सूत्रनेति, कुँजलक्रिया, शंखप्रक्षालन, योगनिद्रा, त्राटक, एक्यूप्रेशर 

प्राकृतिक चिकित्सा- सूर्य स्नान एक घंटा लें, कमर का गर्म ठण्डा सेक, स्थानीय वाष्प, गर्म कटि स्नान, एनिमा,रीढ़ स्नान, भाप स्नान, बर्फ मालिश।


पतंजलि में साइटिका की दवा के नुक्सान , दुष्प्रभाव साइड इफेक्ट्स । Patanjali medicine for sciatica side effects in hindi

साइटिका के लिए उपयोग की जाने वाली पतंजलि दवाये पूर्णतः आयुर्वेदिक हैं तथा यही कारन हैं की इसके दुष्प्रभावों के बारे मैं कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है अथवा अज्ञात हैं। 

लेकिन कुछ  स्थितियों में इन दवाओं के दुष्प्रभाव शरीर पर हो सकते हैं तो आईए जानते हैं कि पतंजलि में साइटिका की दवा के क्या नुकसान हो सकते हैं।

  • निर्धारित मात्रा से अधिक और गलत तरीके से पतंजलि में साइटिका की दवा का सेवन किया जाता है तो ऐसी स्थिति में इसके दुष्प्रभाव शरीर पर हो सकते हैं।
  • शराब पीने के बाद यदि कोई व्यक्ति इन दवाओं का उपयोग करता है तो ऐसी स्थिति में भी इसके दुष्प्रभाव शरीर पर हो सकते हैं क्योंकि यह शराब के साथ मिश्रित होकर शरीर पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है।
  • ऐसे व्यक्ति जो की किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है और बिना अपने चिकित्सक की सलाह के साइटिका के लिए पतंजलि की दवाओं का सेवन करते हैं तो ऐसी स्थिति में भी इसके दुष्प्रभाव होने के मौके बन सकते हैं।
  • साइटिका के लिए उपयोग की जाने वाली पतंजलि दवाओं मैं उपस्थित किसी घटक सामग्री से एलर्जी होने के बावजूद भी यदि इसका सेवन किया जाता है तो ऐसी स्थिति में भी इसके दुष्प्रभाव शरीर पर हो सकते हैं।
  • एक्सपायर हो चुके दवाओं का सेवन किए जाने पर भी इसके दुष्प्रभाव शरीर पर देखने को मिल सकते हैं। अथवा उपयोग से पहले पाक पर एक्सपायरी डेट अवश्य चेक करें।

साइटिका के लिए पतंजलि दवाओं के इस्तेमाल के दौरान किसी भी प्रकार के दुष्प्रभावों का अनुभव होने पर इसका सेवन बंद कर दे और तुरंत चिकित्सक से संपर्क करे। 

साइटिका के लिए उपयोग की जाने वाली पतंजलि दवाओं के दुष्प्रभावों से जुड़े यदि आपके कुछ व्यक्तिगत अनुभव या जानकारी है तो कमेंट के माध्यम से हमारे साथ जरूर शेयर करें यह हमारे और हमारे पाठकों के लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी होगी।

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पतंजलि में साइटिका की दवा से संबंधित सावधानी। Patanjali medicine for sciatica warnings & precautions in hindi

साइटिका के लिए पतंजलि दवाओं का उपयोग करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जिन्हें ध्यान में रखना बेहद जरूरी है इन सावधानियां को यदि आप ध्यान में रखते हैं तो अनजाने में होने वाली कई प्रकार के नुक़सान से बच सकते हैं।

  • गर्भवती महिलाओं को इन दवाओं  का सेवन चिकित्सक की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
  • ऐसे व्यक्ति जो वर्तमान समय में किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है और उपचार ले रहे हैं उन्हें इन दवाओं का सेवन अपने चिकित्सक की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
  • हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मरीजों को इसका सेवन अपने चिकित्सक की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
  • ऐसी महिलाएं जो की हाल ही में मां बनी है और अपने शिशु को स्तनपान कराते हैं उन्हें इन साइटिका के लिए पतंजलि की दवाओं सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
  • साइटिका के लिए पतंजलि की दवाओं मैं उपस्थित घटक सामग्री से किसी भी प्रकार की एलर्जी अथवा समस्या होने पर इसका का सेवन न करें।
  • साइटिका के लिए पतंजलि की दवाओं का सेवन पैक पर दिए गए निर्देश अथवा चिकित्सक द्वारा बताए गए तरीकों से ही सेवन करें।
  • अन्य किसी भी दवाई अथवा सप्लीमेंट्स के साथ साइटिका के लिए पतंजलि की दवाओं  का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।
  • साइटिका के लिए पतंजलि की दवाओं का सेवन करने से पहले अपनी वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति पर अच्छे से समीक्षा करें।
  • साइटिका के लिए पतंजलि की दवाओं का सेवन करने से पहले पैक पर दिए गए सभी महत्वपूर्ण निर्देशों को ध्यानपूर्वक पड़े।

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साइटिका की एलोपैथिक दवा।

एलोपैथिक चिकित्सा भारत मैं एक प्राथमिक चिकित्सा हैं तथा साइटिका के लिए एलोपैथिक दवाये कुछ इस प्रकार हैं। 

  • Acenac SR Tablet
  • Aceclo 100 Tablet
  • Aceclo SR Tablet
  • Flexabenz ER Capsule

बताई गई किसी भी दवाई का सेवन डॉक्टर की सलाह से करे। 


साइटिका की होम्योपैथिक दवा।

होमियोपैथी  बहुत पुराणी और कारगर चिकित्सा पद्धिति हैं जिसमे सभी रोगो के लिए उपचार और दवाइयां उपलब्ध हैं। तथा साइटिका के लिए होमेओपेथिक दवाये इस प्रकार हैं। 

  • एकॉनिटम नेपल्स
  • अमोनियम म्‍यूरिएटिकम
  • बेलाडोना
  • कैमोमिला
  • नैफालियम पॉलीसिफेलम

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FAQ: पतंजलि में साइटिका की दवा Patanjali medicine for sciatica in hindi

Q: पतंजलि में साइटिका की दवा कौन सी है?

ANS: पतंजलि मैं साइटिका के लिए ,दिव्य त्रयोदशांग गुग्गुलु ,दिव्य पीड़ान्तक वटी, पीडनिल गोल्ड टेबलेट , नूट्रेला बोन हेल्थ , विटामिन डी 2 K दवा फायदेमंद हैं। 

Q: साइटिका के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है?

ANS: साइटिका के लिए सबसे अच्छी दवाई मैं आयुर्वेदिक दवा हैं चन्द्रप्रभा वटी, वृहतवात चिंतामणि रस , त्रियोदशांग गुग्गुल हैं। 

Q: साइटिका का परमानेंट इलाज क्या है?

ANS: साइटिका का परमानेंट इलाज हैं आयुर्वेदिक इलाज इसके साथ संतुलित और पौष्टिक भोजन। 

Q: साइटिका में कौन सी दवा खाना चाहिए?

ANS: साइटिका मैं चंद्रप्रभा वटी,दशमूल ,आमवातारी रस वृहतवात चिंतामणि दवा खाना चाहिए।

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