बिल्वादि चूर्ण के फायदे नुकसान सेवन विधि। bilwadi churna benefits in hindi
बिल्वादि चूर्ण जिसे हम यदि सामान्य भाषा मैं परिभाषित करे तो इसे हम बेल फल का चूर्ण कह सकते हैं जिसमे की कई और भी अन्य औषधियां मिश्रित होती हैं। बिल्वादि चूर्ण का प्रयोग मुख्यतः पेट से सम्बंधित रोगो के उपचार हेतु किया जाता हैं जिसमे मुख्य रूप से डायरिया,पेचिश ,आव और दस्त शामिल हैं।
बिल्वादि चूर्ण का मुख्य घटक बेल फल होता हैं जो की गर्मियों के दिनों मै जंगलों पाया जाता हैं तथा इसकी तासीर बहुत ठंडी होती हैं एवं यह पेट की ऊष्मा (गर्मी ) को शांत करने मैं बेहद उपयोगी होती हैं।
इस लेख मैं हम बिल्वादि चूर्ण के फायदे और नुकसान के बारे मैं जानेगे एवं यह किन किन रोगो के लिए लाभदायक हैं और इसका सेवन किस प्रकार से किया जाना चाहिए एवं इसके अतिरिक्त बिल्वादि चूर्ण बनाने की विधि के बारे मैं भी विस्तार से जानेगे।
विषय सूची
बेल चूर्ण के फायदे। bilwadi churna benefits in hindi
दस्त के लिए उपयोगी
दस्त जिसे सामान्य भाषा मैं अतिसार, डायरिया,और लूज़ मोसन भी कहा जाता हैं जिसमें बिल्वादी चूर्ण बेहद लाभकारी माना जाता है यह दस्त के दौरान बार बार होने वाले पतले मल को रोकने मै सहायक होता हैं तथा पाचन को पुनः स्वस्थ करता है।
पेचिस के लिए
पेचिस यानी की आव यह मुख्यतः जीवाणुओं के संक्रमण एव परजीवियो के कारण से होने वाला उदर(पेट ) रोग है जिसमे बलगम वाले दस्त होते हैं एव मल के साथ खून भी आता है।
बिल्वादि चूर्ण पेट मैं उपस्थित पेचिस उत्पन्न करने वाले जीवाणुओं को नष्ट करता हैं एवं पेचिस सक्रमण के कारण होने वाले आंतो के सूजन को कम करता हैं।
कोलाइटिस मैं लाभ पहुचाये
कोलाइटिस आतों से सम्बंधित रोग है जिसमे पेट की आंते कमजोर हो जाती हैं तथा कुछ भी खाने के बाद बार बार टॉयलेट जाने की आवश्यकता पड़ती हैं एवं आँतों मैं सूजन और पेट मैं दर्द जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।
बिल्वादि चूर्ण सूजन रोधी और जीवाणु रोधी होता हैं जो की कोलाइटिस पैदा करने वाले जीवाणुओं को तेजी से खत्म करता हैं।
ऐसिडिटी के लिए
बदलती खान पान और जीवन शैली के कारण वर्तमान समय मै अधिकतर लोग ऐसिडिटी से पीडित हैं तथा बिल्वादी चूर्ण ऐसिडिटी की समस्या के लिए एक अत्यत उपयोगी आयुर्वेदिक औषधि है।
बिल्वादी चूर्ण ऐसिडिटी के वजह से होने वाले पेट और सिने के जलन को कम करता हैं साथ ही साथ यह खट्टी डकारो को भी रोकता हैं एवं ऐसिडिटी के दौरान पेट मैं बढ़े पित्त की मात्रा को कम करता है जो की ऐसिडिटी होने का मुख्या कारक होता हैं।
IBS के लिए बिल्वादी चूर्ण। bilwadi churna for ibs in hindi
IBS यानी कि एरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम यह पेट की बड़ी आंत में होने वाली एक सामान्य बीमारी है जिसमे पीड़ित व्यक्ति को पेट में दर्द, गैस, सूजन कब्ज और ऐंठन जैसी समस्या होती हैं।
बिल्वादी चूर्ण IBS के मुख्य लक्षणो को नियंत्रित करने में बेहद सहायक होता है बिल्वादी चूर्ण IBS के दौरान होने वाली दिक्कतें जैसे बार बार पतले दस्त आना पेट मैं दर्द और मरोड़ होना इन सभी लक्षणों को कम करने मैं अत्यंत उपयोगी है।
बिल्वादि चूर्ण सेवन विधि। bilwadi churna uses in hindi
Myupchar के अनुसार व्यस्क आयु वर्ग के लोगो को बिल्वादि चूर्ण का सेवन एक छोटी चम्मच लगभग 3 -5 ग्राम दिन मैं दो बार गुनगुने जल से भोजन के बाद करना चाहिए।
बताई गई बिल्वादि चूर्ण की मात्रा और समय अवधि सामान्य स्थिति मैं दिए जाने के अनुसार बताई गई हैं यह मात्रा और समय रोगी के स्वास्थ्य स्थिति एवं पूर्व या वर्तमान मैं चल रहे चिकित्सा के अनुसार अलग अलग हो सकती हैं।
बिल्वादि चूर्ण के घटक। bilwadi churna ingredients in hindi
बिल्वादि चूर्ण लगभग हर एक आयुर्वेदिक कंपनी के बाजार मैं उपलब्ध है तथा बिल्वादि मुख्य रूप से सात सामग्री से मिलकर बना होता है। तो आइए जानते है बिलवादी चूर्ण मैं उपस्थित सामग्री और उनके गुणों के बारे में
1.बेल गिरी
बेल गिरी बेल के फल निकाला जाता है जो की मुख्यत जंगलों मैं पाया जाने वाला फल है।
- कब्ज, गैस, पेट दर्द की समस्या से राहत पाने मैं मदद करता है।
- रक्त को स्वच्छ करता है।
- शरीर मैं बड़े कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को नियंत्रित करता है
- हृदय के लिए लाभकारी
- पेट और सीने की जलन को कम करे।
- बदहजमी की समस्या दूर करे।
2.मोचरस
मोचरस एक प्रकार का गोद होता है जो सेमल नामक पेड़ से निकलता है जिसका वानस्पतिक नाम बॉम्बेक्स सीबा है तथा अंग्रेजी नाम सिल्क कॉटन ट्री है यह मुख्य रूप से भारत के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों मैं पाया जाता है।
- बवाशीर के लिए लाभकारी
- अतिसार कब्ज के लिए
- मूत्र रोग के लिए
- रक्तवमन (खून की उल्टी) को रोकने मैं सहायक
- महिलाओं को होने वाले स्वेत प्रदर मैं फायदेमंद।
3. सोंठ
अदरक का उपयोग हम रोजाना किसी न किसी व्यंजन अथवा चाय मैं जरूर करते है तथा सोंठ अदरक को सुखा कर बनाया जाता है।
- पेट दर्द गैस के लिए अत्यंत लाभकारी।
- अपच की समस्या को दूर करने में बेहद सहायक।
- पसलियों मैं होने वाले दर्द को कम करें।
- जि मचलना घबराहट उल्टी के लक्षणों को नियंत्रित करे।
- एसिडिटी मैं बड़े हुए पित्त को कम करने मै मददगार
4.धनिया
धनिया आमतौर पर हर घर मै इस्तेमाल होता है तथा यह बिलवादी चूर्ण के मुख्य सामग्री मैं शामिल है।
- पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।
- पेट की जलन को शांत करने में सक्षम
- अस्थमा और खासी जैसी समस्यायों के लिए।
- पेट दर्द को कम करे
- आंखो के लिए लाभकारी होता है।
5.सौंफ
सौंफ के उपयोग और फायदों से अधिकतर लोग वाकिफ होगे सामान्यतः सौंफ का सेवन भोजन के बाद किया जाता है जो की पेट के लिए बेहद गुणकारी होता है।
- आयरन और कैल्शियम की कमी को पूरा करे
- गैस और अपच जैसी समस्याओ से राहत दिलाए
- आंखो से संबंधित रोगों के लिए लाभकारी
- मुंह की बदबू को रखे दूर
- कब्ज के लिए उपयोगी
6. ढाई फूल
ढाई फूल जिसे धातकी, जायफूल के नाम से भी जाना जाता है एवम इसका वानस्पतिक नाम वुडफोर्डिया फ्रूटिकोसा है। बिलवादी चूर्ण बनाने हेतु धातकी के फूल का प्रयोग किया जाता है।
- दस्त को रोकने के लिए बेहद गुणकारी
- पेचिस के इलाज हेतु उपयोगी
- खूनी बवाशीर के लिए भी फायदेमंद
- मधुमेह, डायबिटीज मैं लाभ पहुंचाए।
- अल्सर की समस्या से निपटने में सहायक।
7.भांग
भांग को अधिकांश लोग एक नशीले पदार्थ के रूप में जानते हैं लेकिन इसका प्रयोग कई प्रकार की दवाइयां बनाने मै किया जाता है जिसमे बिलवादी चूर्ण भी शामिल है।
- पाचन शक्ति को बढ़ाता हैं
- भूख बढ़ाने में सहायक
- त्वचा संबंधी रोगों मैं उपयोगी
- पेचिस के लिए भी फायदेमंद
- उचित मात्रा मैं लिए जाने पर सिर दर्द को दूर करे
बिल्वादि चूर्ण के नुकसान। bilwadi churna side effects in hindi
बिल्वादि चूर्ण एक आयुर्वेदिक औषधि है वैसे तो इसके कोई दुष्प्रभाव नहीं है मगर किन्ही परिस्थितियों मैं इसके दुष्प्रभाव संभव हो सकते है।
इससे संबंधित दुष्प्रभावों के बारे मैं चिकित्सा जगत मैं ज्यादा उल्लेख और जानकारी मौजूद नहीं है लेकिन कुछ दुष्प्रभाव है जो सामान्य तौर पर देखने को मिलते है।
1. बिलवादी चूर्ण दस्त को रोकने मैं प्रभावी ढंग कार्य करती है तथा इसके सेवन से कभी कभी मल न त्याग कर पाने की समस्या हो सकती है। ऐसी स्थिति बनने पर चिकित्सक की सलाह जरूर लें
2.बिल्वादि चूर्ण के सेवन से उनींदापन की समस्या देखने को मिल सकती है जिसमे बिलवादी चूर्ण खाने के बाद आपको थोड़ी अधिक नींद आ सकती है। जिसका कारण इसमें उपस्थित भांग होता है।
बिल्वादि चूर्ण से जुड़े दुष्प्रभावों के बारे मैं आपको यदि ज्ञात है या व्यक्तिगत अनुभव है तो कमेंट बॉक्स के माध्यम से हमे जरूर बताएं।
बिल्वादि चूर्ण बनाने की विधि
बिल्वादी चूर्ण वैसे तो बहुत ही आसानी के साथ आपको किसी भी आयुर्वेदिक दवाई की दुकान पर मिल जायेगा लेकिन यदि आप घर पर बिलवादी चूर्ण बनाना चाहते है तो आप वह भी कर सकते हैं।
बिल्वादि चूर्ण बनाने की विधि कुछ इस प्रकार है।100 ग्राम बिलवादी चूर्ण बनाने के लिए आपको इन सभी सामग्री की आवश्यकता पड़ेगी।
1.बेल गिरी9.09 ग्राम
2.सौंफ 36.36 ग्राम
3.भांग के पत्ते9.09 ग्राम
4.मोंच रस 9.09 ग्राम
5.खड़ी सौंठ 9.09 ग्राम
6. साबुत धनिया 18.18 ग्राम
7.ढाई फूल 9.09 ग्राम
स्टेप #1
बेल गिरी,खड़ी सोंठ और मोच रस को किसी औजार की सहायता से काट लीजिए।
स्टेप #2
तथा इसमें अन्य सभी घटकों के साथ अच्छे से मिलाइए।
स्टेप #3
इसके बाद सभी चीजों को एक लोहे की कढ़ाई मैं धीमी आंच मै सौंफ की सुगंध आने तक भूनिए।
अच्छी तरह भुनने के बाद इसे उतार कर ठंडा करे एवं बारीक पीस कर एक हवा बंद डिब्बे मै रख ले और उपयोग करें।
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