उशीरासव के फायदे नुकसान सेवन विधि।ushirasava syrup uses in hindi
विषय सूची
उशीरासव क्या है?।what is ushirasav in Hindi
उशीरासव एक आयुर्वेदिक औषधि है जो की उदर और मूत्र संबधी रोगों के उपचार हेतु बेहद गुणकारी ओर उपयोगी है तथा इसे तैयार करने के लिए आसव पद्धति का प्रयोग किया जाता है।
इसके अलावा इसमें अनेकों प्रकार की कई और भी औषधियां उपस्थित होती है जो की बवाशिर, त्वचा संबंधी विकारों एवं खून की कमी को दूर करता है तो आइए उशीरासव के बारे मे विस्तार से जानते है।
उशीरासव कई प्रकार के अलग अलग घटकों से मिलकर बना होता है जिसमे मुख्य घटक उशीर होता जिसे सामान्य बोल चाल की भाषा मैं खस कहा जाता है इसमें उपस्थित बाकी घटकों और उनके गुणों के बारे मे जानते है।
उशीरासव के घटक
उशीरासव कई प्रकार के अलग अलग घटकों से मिलकर बना होता है जिसमे मुख्य घटक उशीर होता जिसे सामान्य बोल चाल की भाषा मैं खस कहा जाता है इसमें उपस्थित बाकी घटकों और उनके गुणों के बारे मे जानते है।
- खस( उशीर)
गुण – मूत्र रोग, त्वचा रोग ओर पेट संबंधी मामलों के लिए फ़ायदेमंद
- बालक (कोलस वेटिवेरोइड्स)
गुण– बुखार,उल्टी, दस्त, वर्ण मैं उपयोगी
- कमल
गुण– खूनी बवाशीर, पेचिस, मूत्र विकार, त्वचा रोगों मैं लाभकारी
- गंभारी
गुण– मूत्र रोग, दस्त, पेचिस, बालों के लिए, फेफड़ों ओर पेट संबंधी रोगों के लिए उपयोगी।
- नीलोफर
गुण– पेट ओर लिवर सम्बन्धी रोगों के लिए एवं शरीर की ऊष्मा को कम करने मैं कारगार।
- प्रियंगु
गुण– जलन, उलटी,बुखार,रक्तदोष रक्तपित्त जैसे रोगो के लिए उपयोगी।
- पदमाख
गुण – रक्तपित्त ,जलन, उलटी ,घावों भरने मैं सहायक।
- लोध्र
गुण– मधुमेह, पेचिस,सूजन ,जलन, पाचन को सुधारने और खून के बहाव को रोकने मैं सहायक।
- मजिष्टा
गुण– पथरी,मधुमेह ,त्वचा रोग , सूजन , मूत्र विकार, अत्यार्तव विकार , पेट के कीड़े और पीरिड्स के दर्द को कम करने मैं फायदेमंद।
- धमासा
गुण – खासी ,सर दर्द ,उलटी ,उदार रोग , डायरिया , बुखार , मूत्र रोग , अल्सर , खुजली रक्तपित्त और फेफड़ो के लिए फायदेमंद।
- पाठा
गुण – टाइफाइड , कब्ज , बवाशीर , त्वचा रोग ,बुखार, सूजन इत्यादि के लिए गुणकारी।
- चिरायता
गुण – कब्ज ,त्वचा रोग ,रक्तपित्त ,सूजन लिवर और पेट सम्बन्धी रोग के लिए उपयोगी।
- बरगद
गुण – नकसीर,जुखाम ,सर्दी ,पेचिस , खुनी उलटी ,बवाशीर, मूत्र रोग ,पीरियड्स अनियमिता, दांतो और बालो के लिए फायदेमंद।
- गूलर
गुणं – रक्तस्त्राव, डाइबिटीज़ ,मूत्र रोग , जलन , सूजन , पुराने घाव , बवासीर, दस्त, पेट दर्द , स्वेत प्रदर ,रक्त विकार जैसे रोगो के लिए उपयोगी।
- कपूर कचरी (शटी)
गुण – त्वचा रोग ,बवासीर , उदर रोग ,दस्त ,पेट के कीड़े ,बुखार जैसे रोगो के लिए लाभदायक।
- पित्तपापड़ा
गुण – सर्दी जुखाम बुखार ,मलेरिया ,पेट के कीड़े और उलटी रोकने मैं सहायक।
- पटोलपत्र
गुण – सर दर्द , दस्त , डाइबिटीज़ ,एसिडिटी , पीलिया , बुखार , रक्त पित्त के लिए अत्यंत गुणकारी।
- कांचनार
गुण– सिर दर्द, खासी, पाचन, कृमि, कब्ज बवाशीर, पीलिया ओर मासिक धर्म सम्बन्धी रोगों के उपचार हेतु।
- जामुन
गुण– मुंह के छाले, पेचिस, उल्टी, बवाशीर, पीलिया, पथरी, मधुमेह, सिफलिस, अल्सर, गठिया एवम आंखों के लिए उपयोगी।
- मुनक्का
गुण– कब्ज, बुखार, टाइफाइड,हड्डियोंको मज़बूत बनाए, वजन कम करने में आंख के लिए फायदेमंद,
- मोचरस
गुण– रक्तवमन,स्वेतप्रदर, अतिसार,मूत्र रोग , रक्तप्रदर, नकसीर मैं लाभदायक।
- जायफूल
गुण – मर्दाना ताकत,मधुमेह, त्वचा रोग, मुंह की बदबू, दांत दर्द, माइग्रेन, सिर दर्द, खासी मैं उपयोगी ओर पाचन तंत्र को मजबूत बनाए।
- शर्करा
गुण – लो ब्लड प्रेशर, त्वचा के लिए, कैल्शियम बढ़ाए, आयरन बढ़ाए, फाइबर बढ़ाए,शरीर को ठंडक प्रदान करें।
- मधु
गुण– खासी, गले की खराश, वजन कम करने में उपयोगी, कब्ज, मुंहासे, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए बालो के लिए उपयोगी।
- जटामासी
गुण– बालों का झड़ना, सर दर्द ,खासी, ह्रदय रोग ,उलटी, गठिया ,कुष्ट रोग ,त्वचा रोग, ब्लड प्रेसर को काम करे , पाचन को दुरुश्त करे ,दाग धब्बे झुर्रियों के फायदेमंद।
- काली मिर्च
गुण – सिर दर्द , शर्दी जुखाम , खासी , पेट सम्बन्धी रोगो के उपचार के लिए ,बवाशीर ,मूत्र रोग,बुखार इत्यादि रोगो मैं उपयोगी।
उशीरासव के फ़ायदे। ushirasava benefits in hindi
1.मूत्रीय अवरोधन
मूत्रीय अवरोधन जिसे यूरीनरी रिटेंशन कहा जाता है यह मूत्राशय मैं होने वाला एक मूत्र विकार है जिसमे रोगी को मूत्र त्याग करने मैं दर्द ओर समस्या होती हैं तथा रोगी पूर्ण रूप से मूत्र त्याग नहीं कर पाता हैं।
मूत्र रुक रुक कर आता एवं रोगी को मूत्राशय मैं जलन और सूजन जैसी दिक्कत होती है। यूरीनरी रिटेंशन के लिए उशीरासव बेहद फायदेमंद दवाई है जिसके इस्तेमाल से मूत्रीय अवरोधन की समस्या दूर होती हैं।
2.मूत्र असमायिता
मूत्र असमायिता यानि की यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस (urinary incontinence) इस रोग मैं रोगी को बिना किसी इच्छा के मूत्र का रिसाव होता रहता है तथा रोगी को पता भी नही चलता है।
यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस मैं शरीर मैं मूत्र को नियंत्रित करने वाले स्फिंक्टर को पूरी तरह नष्ट या कमजोर हो जाते हैं जिसके कारण या समस्या होती है।यह एक ऐसी स्थिति होती है जिसमे की रोगी पेशाब को रोक भी नही पाता है।
उशीरसव यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस के सुधार के लिए अत्यंत फायदेमंद औषधि है तथा इसके उपयोग से मूत्र असमायिता का समाधान किया जा सकता है।
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3. बवाशीर
बवाशीर जिसे पाइल्स भी कहते है यह शरीर के मलाशय मैं मौजूद नसों मैं सूजन ओर खीचाव आ जाने के कारण होता हैं बवाशीर कई कारणों से हो सकता है तथा जिसमे माल त्याग करने मै दर्द खून आना जैसे लक्षण प्रमुख है।
पाइल्स के उपचार मैं उशीरासव अत्यन्त लाभकारी है यह बवाशीर के लक्षणों को तेजी से कम करने मै बेहद उपयोगी है दवाई है।
4. रक्तपित्त की समस्या का समाधान
रक्तपित्त की समस्या जिसे नकसीर भी कहा जाता जिसमे अचानक नाक से खून बहने लगता है वैसे तो यह सामान्यतः अधिक गर्मी के कारण एवम नाक की झिल्ली सूख जाने के वजह से होता है।
नकसीर की समस्या से बचने के लिए उशीरासव बेहद सहायक है इसके इस्तेमाल से नकसीर मैं काफी लाभ मिलता है। वैसे तो नकसीर होने के कारण ज्यादा गंभीर नही होते है लेकिन यदि रक्त का प्रवाह अधिक होता है तो चिकित्सक के पास जाने की आवश्यकता हैं।
5.उशीरासव शारीरिक गर्मी के उपाय में फायदेमंद
अधिकतर कई लोगो को यह समस्या होती है मौसम बदलने एवम थोड़ी गर्मी बढने के कारण उनके शरीर की ऊष्मा बढने लगती जिसके कारण हाथ पैरो एवं शरीर के अन्य भागों मैं सामान्य के तुलना अधिक पसीना आता है।
उशीरासव मै मुख्य घटक उशीर यानी की खस होता है जो की शरीर मैं बढ़े हुए ऊष्मा को कम करता है एवम इसे नियंत्रित भी रखता हैं।
6.त्वचा के लिए
त्वचा सम्बन्धित रोगों के उपचार के लिए भी उशीरासव बेहद फायदेमंद और उपयोगी है यह त्वचा मैं होने वाली जलन सूजन ओर खुजली के लिए भी उपयोगी है ।
7.अत्यधिक रक्त स्त्राव को रोकने में सहायक
शरीर से खून की हानी होना (खून बहना) जिसे की रक्तस्राव कहा जाता है वैसे तो सामान्य किसी भी चोट या त्वचा कटने से हमारे शरीर से रक्त बहने लगता है।
लेकिन रक्तस्राव मैं छोटी सी चोट से भी अधिक खून बहने लगता है या फिर स्वत ही शरीर मैं मौजूद प्राकृतिक छिद्र जैसे नाक,कान, मुंह ,मलाशय, योनि से अंगो से खून बहने लगे।
रक्तस्राव के लिए उशीरासव सिरप अत्यन्त सहायक औषधी माना जाता है तथा इसके इस्तेमाल से रक्तस्राव मैं लाभ लिया जा सकता है।
ध्यान रहे की यदि आप खून पतला करने की कोई दवाई ले रहे है तो उस से भी रक्तस्राव हो सकता हैं।
8.हेमट्यूरिया
हेमट्यूरिया एक मूत्र संबंधी रोग हैं जिसमे पीड़ित व्यक्ति को पेशाब मैं रक्त आता हैं। पेशाब मैं रक्त कई कारणों से आ सकते हैं जिमे मुख्य हैं यूरीन संक्रमण, किडनी संक्रमण, प्रोस्टेट बढ़ना, किडनी स्टोन।
उशीरासव हेमट्यूरिया के लक्षणों कम करने बेहद सहायक और राहतकारी आयुर्वेदिक औषधि हैं जिसके उपयोग से हेमट्यूरिया मैं लाभ लिया जा सकता हैं।
9. अत्यार्तव
अत्यार्तव यह स्त्रियों और किशोरियों मैं होने वाली समस्यां हैं जिसमे की मासिक धर्म के दौरान सामान्य की अपेक्षा अधिक पीड़ा होती हैं और अधिक खून आता हैं जिसके कारण खून की कमी और एनिमिआ जैसी दिक्कत हो सकती हैं।
अत्यार्तव की समस्या मैं उशीरासव बेहद प्रभावी रूप से कार्य करता हैं एवं यह इसके लक्षणों को कम करता हैं।
10.उशीरासव पेट के कीड़ो को मारता हैं
उशीरासव कृमि यानी की पेट के कीड़ो के लिए एक बेहद उपयोगी औषदि है इसके सेवन से पेट के कीड़ो का समाधान किया जा सकता हैं।
यदि आप उशीरासव से जुड़े और भी फायदों के बारे मैं जानते हैं तो हमारे साथ कमेंट के जरिए से साझा जरूर करे।
उशीरासव सेवन विधि । Doses of Ushirasava hindi
उशीरासव एक और्वेदिक औषधि हैं तथा अन्य दवाइयों तरह ही इसे लेने का भी उचित तरीका और समय होता हैं तथा चिकित्सक द्वारा सुझाय गए तरीके से लिए जाने पर उशीरासव और जल्दी और अधिक फायदेमंद साबित हो सख्त हैं आइये इसके सेवन विधि के बारे मैं जानते हैं।
व्यस्क – व्यस्क लोगो को उशीरासव का सेवन दिन मैं दो बार 20-25 ml तथा उतनी ही मात्रा मैं समान्य पानी मिलाकर भोजन के बाद करना चाहिए।
बच्चे – 2 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चो को उशीरासव का उपयोग 5 – 10 ml दिन मैं दो बार बराबर मात्रा मैं गुनगुने जल के साथ मिलकर भोजन के बाद करना चाहिए।
बुजुर्ग – बुजुर्ग लोगो को उशीरासव का सेवन 20 – 25 ml तथा उतनी ही मात्रा मैं सामान्य जल मिलकर भोजन के बाद दिन मैं दो बार करना चाहिए।
ध्यान दे – यदि आप चिकित्सक की सलाह से उशीरासव का सेवन करते हैं ( जो की उचित होता हैं ) तो उनके बताये गए मात्रा विधि और समय अनुसार इसका सेवन करे एवं बताये गए समय अवधि तक ही ले।
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उशीरासव सेवन कब नहीं करना चाहिए
आयुर्वेदिक औषधि होने के कारण चिकित्सा जगत मैं उशीरासव से सम्बंधित दुष्प्रभावों के बारे मैं ज्यादा उल्लेख और जानकारी मौजूद नहीं हैं लेकिन किन्ही स्थितियों मैं इसके दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं तो इसके दुष्प्रभावों से बचने के लिए किन लोगो को एवं किस समय इसका सेवन करने से बचना चाहिए आइये जानते हैं।
- गर्भवती महिलाओ को उशीरासव का सेवन करने से बचना चाहिए यह गर्भवती महिला एवं बच्चे के लिए नुकसान दायक हो सकता हैं यदि किसी कारण से इसका सेवन करना पड़ता हैं तो चिकित्सक की सलाह जरूर ले।
- ऐसे लोग जो शराब का सेवन करते हैं उन्हें शराब पिने के बाद उशीरासव का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए क्योकि यह आपके शरीर मैं प्रवेश कर विपरीत प्रभाव डाल सकता हैं।
- ऐसी महिलाएं जो की हाल ही मैं माँ बनी हैं तथा बच्चे को स्तन पान कराती हैं उन्हें उशीरासव का सेवन बिना चिकित्सक के परामर्श के नहीं करना चाहिए।
- ऐसे लोग जिन्होंने हाल ही मैं पेट से सम्बंधित कुछ ऑपरेशन या सर्जरी करवाई है उन्हें उशीरासव का इस्तेमाल बिना चिकित्सक के परामर्श के करना चाहिए।
हम यह आशा करते हैं की आप उशीरासव से जुड़े फायदे तथा अन्य चीजों के बारे मैं हमारे इस लेख के माध्यम से जान गए होंगे तथा हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं। की यह लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया हैं इसे किसी प्रकार के चिकित्स्य सलाह के रूप मैं न ले बताई गई बिमारियों का इलाज इस से पूर्ण रूप से नहीं किया जा सकता हैं।
यह बीमारी से बचाव और बीमार अवस्था मैं सुधार हेतु सहायक हैं यदि आप पहले से किसी बीमारी से जूझ रहे हैं तो इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य ले।
उशीरासव की उपलब्धता | Availability of Ushirasava
उशीरासव बिना डॉक्टर के पर्चे बिना मिलने वाली दवाई हैं यह आपको किसी भी आयुर्वेदिक मेडिकल शॉप पर आसानी के साथ मिल जायेगा।लगभग हर आयुर्वेदिक कंपनी उशीरासव बनती हैं तथा बाजार मैं आपको सामान्यतः डाबर , वैधनाथ, पतंजलि , शांढू ,धूधपापेस्वर जैसी कंपनियों का उशीरासव आसानी के साथ मिल जायेगा।
चाहे तो आप उशीरासव ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं ऑनलाइन खरीदने के लिए ऐमज़ॉन , फ्लिपकार्ट , 1 mg , नेटमेड्स जैसी वेबसाइट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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