ब्लीडिंग रोकने की आयुर्वेदिक दवा। ब्लीडिंग रोकने की आयुर्वेदिक दवा पतंजलि

पीरियड्स ब्लीडिंग रोकने की आयुर्वेदिक दवा:

महिलाओं में होने वाला मासिक धर्म यानी कि पीरियड्स जिससे हर महिला महीने मैं एक बार सामना करती है पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग एक आम बात है। सामान्यता पीरियड्स 4 से 6 दोनों का होता है जिसमें ब्लीडिंग भी होती है लेकिन यदि मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक ब्लीडिंग होती है तो यह एक चिंता का विषय है।

पीरियड्स के दौरान होने वाले अत्यधिक ब्लीडिंग को रोकने के लिए हर चिकित्सा पद्धति में विभिन्न प्रकार की दवाइयां उपलब्ध है तथा इस लेख में हम ब्लीडिंग को रोकने के लिए आने वाली आयुर्वेदिक दवाइयों के बारे में जानेंगे।

तथा इन दवाइयों का उपयोग कैसे किया जाता है और इस्तेमाल के दौरान आपको कौन-कौन सी सावधानियां रखनी चाहिए इसके बारे में भी हम इस लेख में चर्चा करने वाले हैं।


ब्लीडिंग रोकने की आयुर्वेदिक दवा।

आयुर्वेद चिकित्सा भारत की पुरानी और कारगर चिकित्सा पद्धति है जिसमें सभी प्रकार के रोगों के लिए उपचार और दवाइयां मौजूद हैं तो आइए पीरियड्स के दौरान होने वाली अत्यधिक ब्लीडिंग रोकने के लिए आने वाली आयुर्वेदिक दवाओं के बारे मे जानते है।

1. पुष्यानुग चूर्ण

पीरियड्स के दौरान होने वाली समस्याओं के समाधान के लिए पुष्यानुग चूर्ण एक बहुत ही फायदेमंद दवाई है। इसके मुख्य घटकों में नागकेसर, पाषाण भेद ,कमल केसर, बेल, नागर मोथा, लोध्र, गेरू , सोंठ,अनंत मूल,मुलेठी,अर्जुन समेत विभिन्न प्रकार की औषधियां का उपयोग किया गया है पीरियड्स के दौरान अत्यधिक होने वाली ब्लीडिंग को रोकने के लिए पुष्यानुग चूर्ण फायदेमंद साबित हो सकती है।

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2. अशोकरिष्ट

आयुर्वेद चिकित्सा में अशोकारिष्ट एक जानी-मानी आयुर्वेदिक दवाई है जिसका उपयोग पीरियड से जुड़े मामलों के उपचार के लिए किया जाता है यह पीरियड्स के दौरान होने वाले अत्यधिक ब्लीडिंग,पेट दर्द, ऐंठन और हार्मोंस के असंतुलन को ठीक करने के लिए फायदेमंद होता है इसके मुख्य घटकों में अशोक की छाल, अमला और हरितकी उपस्थिति होता है।

3. नागकेसर चूर्ण

आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में नाककेसर एक बहुत ही फायदेमंद औषधि मानी जाती है जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक दवाइयां में किया जाता है खासकर ब्लीडिंग से जुड़े दवाइयों में इसका सामान्यता उपयोग देखा जाता है।

पीरियड्स के दौरान होने वाले हैवी ब्लीडिंग को रोकने के लिए पानी के साथ नागकेसर चूर्ण का उपयोग फायदेमंद होता है तथा इसके उपयोग से हैवी ब्लीडिंग को नियंत्रित किया जा सकता है।


4. एमिस्टॉप G कैप्सूल

एमिल फार्मेसी द्वारा बनाई जाने वाली एमिस्टॉप G कैप्सूल पीरियड्स के दौरान होने वाले अत्यधिक ब्लीडिंग को रोकने के लिए उपयोग की जाती है इसके मुख्य घटकों मैं नागकेशर, अंदुसा, अभ्रक भस्म , बंग भस्म, त्रिवंग भस्म, वसा, जहर मोहरा पिष्टी, फिटकरी और मुलेठी शामिल है तथा एमिस्टॉप G कैप्सूल के सेवन से हैवी ब्लीडिंग को रोकने मैं मदद मिलती है।

ब्लीडिंग रोकने की आयुर्वेदिक दवा पतंजलि

5. नरिसुधा सिरप

पतंजलि आयुर्वेद की नारी सुधा सिरप महिलाओं के लिए उपयोग की जाने वाली फायदेमंद दवाई है यह मासिक धर्म से जुड़े समस्याओं के निदान जैसे की हैवी ब्लीडिंग, दर्द ,ऐंठन ,कमजोरी, पीट दर्द , सिरदर्द जैसी समस्याओं से निपटने के लिए फायदेमंद होता है इसके मुख्य घटकों मैं रक्त चंदन, अशोक, लोध्र, मोचरस, धातकी फूल, अश्वगंधा, शतावरी, नागकेसर, नागरमोथा, लाल सुपारी, सौंठ, जटामांसी, आंवला, दारू हल्दी और पत्रांग जैसे विभिन्न लाभकारी औषधियां है।

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ब्लीडिंग रोकने की आयुर्वैदिक दवा के नुक्सान , दुष्प्रभाव साइड इफेक्ट्स । 

ब्लीडिंग रोकने के लिए उपयोग की जाने वाली  दवाये पूर्णतः आयुर्वेदिक हैं तथा यही कारन हैं की इसके दुष्प्रभावों के बारे मैं कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है अथवा अज्ञात हैं। 

लेकिन कुछ स्थितियों में इन दवाओं के दुष्प्रभाव शरीर पर हो सकते हैं तो आईए जानते हैं कि हैवी ब्लीडिंग रोकने की आयुर्वैदिक दवा के क्या नुकसान हो सकते हैं।

  • निर्धारित मात्रा से अधिक और गलत तरीके से ब्लीडिंग रोकने की आयुर्वैदिक दवाओं का सेवन किया जाता है तो ऐसी स्थिति में इसके दुष्प्रभाव शरीर पर हो सकते हैं।
  • शराब पीने के बाद यदि कोई महिला इन दवाओं का उपयोग करती है तो ऐसी स्थिति में भी इसके दुष्प्रभाव शरीर पर हो सकते हैं क्योंकि यह शराब के साथ मिश्रित होकर शरीर पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है।
  • ऐसी महिलाएं जो की किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है और बिना अपने चिकित्सक की सलाह के ब्लीडिंग रोकने की दवाओं का सेवन करते हैं तो ऐसी स्थिति में भी इसके दुष्प्रभाव होने के मौके बन सकते हैं।
  • ब्लीडिंग रोकने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं मैं उपस्थित किसी घटक सामग्री से एलर्जी होने के बावजूद भी यदि इसका सेवन किया जाता है तो ऐसी स्थिति में भी इसके दुष्प्रभाव शरीर पर हो सकते हैं।
  • एक्सपायर हो चुके दवाओं का सेवन किए जाने पर भी इसके दुष्प्रभाव शरीर पर देखने को मिल सकते हैं। अथवा उपयोग से पहले पैक पर एक्सपायरी डेट अवश्य चेक करें।

ब्लीडिंग रोकने के लिए बताई गई आयुर्वैदिक दवाओं के इस्तेमाल के दौरान किसी भी प्रकार के दुष्प्रभावों का अनुभव होने पर इसका सेवन बंद कर दे और तुरंत चिकित्सक से संपर्क करे। 

ब्लीडिंग रोकने के लिए बताई गई आयुर्वैदिक दवाओं के दुष्प्रभावों से जुड़े यदि आपके कुछ व्यक्तिगत अनुभव या जानकारी है तो कमेंट के माध्यम से हमारे साथ जरूर शेयर करें यह हमारे और हमारे पाठकों के लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी होगी।

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ब्लीडिंग रोकने की आयुर्वेदिक दवा से संबंधित सावधानी। 

ब्लीडिंग रोकने के लिए आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जिन्हें ध्यान में रखना बेहद जरूरी है इन सावधानियां को यदि आप ध्यान में रखते हैं तो अनजाने में होने वाली कई प्रकार के नुक़सान से बच सकते हैं।

  • गर्भवती महिलाओं को इन दवाओं का सेवन चिकित्सक की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
  • ऐसी महिलाएं जो वर्तमान समय में किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है और उपचार ले रहे हैं उन्हें इन दवाओं का सेवन अपने चिकित्सक की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
  • हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मरीजों को इसका सेवन अपने चिकित्सक की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
  • ऐसी महिलाएं जो की हाल ही में मां बनी है और अपने शिशु को स्तनपान कराते हैं उन्हें इन दवाओं का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
  • ब्लीडिंग रोकने के लिए आयुर्वेदिक दवाओं मैं उपस्थित घटक सामग्री से किसी भी प्रकार की एलर्जी अथवा समस्या होने पर इसका का सेवन न करें।
  • यूरिन इन्फेक्शन के लिए आयुर्वैदिक दवाओं का सेवन पैक पर दिए गए निर्देश अथवा चिकित्सक द्वारा बताए गए तरीकों से ही सेवन करें।
  • अन्य किसी भी दवाई अथवा सप्लीमेंट्स के साथ इन दवाओं का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।
  • इन दवाओं का सेवन करने से पहले अपनी वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति पर अच्छे से समीक्षा करें।
  • ब्लीडिंग रोकने के लिए इन आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन करने से पहले पैक पर दिए गए सभी महत्वपूर्ण निर्देशों को ध्यानपूर्वक पड़े।

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मासिक धर्म रक्तस्राव को तुरंत कैसे रोकें आयुर्वेदिक दवा?

मासिक धर्म के दौरान होने वाले अत्यधिक रक्त स्त्राव को रोकने के लिए नागकेसर चूर्ण, पुष्यानुग चूर्ण, अशोकारिष्ट सिरप का उपयोग किया जा सकता है इसके सेवन से रक्त स्त्राव को रोकने में काफी मदद मिल सकती है। 

Bablu Bhengra
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