वासावलेह के फायदे नुकसान उपयोग सेवन विधि।baidyanath vasavaleha benefits in hindi

वासावलेह के फायदे व सेवन विधि। वासावलेह के घटक। वासावलेह के नुकसान। वासावलेह बनाने की विधि।Dabur vasasava Benefits। अमस्था अवलेह के फायदे। पतंजलि वासावलेह। vasavaleha benefits in hindi। डाबर वासावलेह


स्वशन संबंधी समस्याएं समय के साथ बेहद गंभीर और जटिल हो सकती है स्वास संबंधी रोगों के उपचार के लिए आज बाजार मै अनेकों प्रकार की दवाएं और उपचार मौजूद है जिन्हे आप डॉक्टर की सलाह से ले सकते है।

इस लेख मैं ऐसे ही एक आयुर्वेदिक उत्पाद वासावलेह के फायदे के बारे मैं जानेंगे इसके साथ ही साथ इसका सेवन किस प्रकार से किया जाता है एवम वासावलेह के सेवन के दौरान हमे कौन कौन सी सावधानियां रखनी चाहिए तथा इससे जुड़े दुस्प्रभावों के बारे मैं भी हम इस लेख मैं जानेगे।


वासावलेह क्या है। vasavaleha in Hindi

वासावलेह आयुर्वेदिक उत्पाद चिकित्सा पद्धति मै आने वाला उत्पाद है। वासावलेह क्या है यह हम सरल भाषा मैं कहे तो यह च्यवनप्राश की तरह उपयोग किया जाने वाला उत्पाद है को की स्वसन संबंधी समस्याओं के उपचार के लिए फायदेमंद होता है वासावलेह अंडूसा , घी, पीपली और शहद जैसी फायदेमंद औषधियों से निर्मित उत्पाद है।

वासावलेह का भारत की अलग अलग आयुर्वेदिक कंपनियां बनाती है जो की कुछ इस प्रकार है।

  • वासावलेह बैद्यनाथ
  • झंडु वासावलेह
  • पतंजलि वासावलेह
  • बृहत वासावलेह
  • डाबर वासावलेह

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वासावलेह के फायदे। vasavaleha benefits in hindi

वासावलेह हर्बल सूत्रीकरण से निर्मित उत्पाद है जो की गाढ़ा और लसेदार होता है तो आइए इसके फायदों के बारे मैं विस्तार से जानते है।

1.अमस्था में अवलेह के फायदे

अस्थमा एक जटिल स्वशन संबंधी समस्या है जिसमे की रोगी के वायुमार्ग प्रभावित होते है जिसके कारण सास लेने मैं दिक्कत होती है तथा वासावलेह अस्थमा के लक्षणों को नियंत्रित करने का कार्य करती है और सास फूलने की समस्या से राहत दिलाता है एवम यह दूषित वात और कफ दोष को दूर करता है जो की स्वशन मार्ग मैं रुकावट पैदा करते है।

2. खासी के उपचार के लिए भी वासावलेह फायदेमंद होता है सामान्य सर्दी से होने वाली खासी को नियंत्रित और ठीक करने के लिए वासावलेह एक लाभकारी आयुर्वेदिक विकल्प हो सकता है। वासावलेह स्वशन पथ मैं हमे हुए बलगम को दूर करती है जो की खासी का मुख्य कारण होता है यह कफ को संतुलित रखने मैं मदद करता है।

3. ब्रोकाइटिस एक गंभीर बीमारी है जिसमे स्वासनली और फेफड़ों की शाखाओं मैं सूजन हो जाता है जिसकी वजह से थूक का संचय होता है तथा वासावलेह एक आयुर्वेदिक औषधि है जो की घी, पीपली और शहद से निर्मित है जो की शुष्कता को दूर करता है और स्वशन पथ मैं हमे हुए थूक को बाहर निकालने का कार्य करता है और संक्रमण से लड़ता है।

4. वासावलेह COPD जैसे गंभीर स्वशन रोग के उपचार के लिए भी फायदेमद होता है। COPD जिसे क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज कहा जाता हैं यह एक पुरानी बीमारी है जो की फेफड़ों को प्रभावित कर वायु के प्रवाह को बाधित करती है।COPD कफ वात और पित्त के असंतुलन के कारण होता है तथा वासावलेह मैं तीनों को संतुलित करने का गुण होता है।

5. एलर्जी की समस्या के उपचार हेतु भी वासावलेह फायदेमंद है यह एलर्जी कई प्रकार की हो सकती है जिसे की अत्यधिक छींके आना,कफ का जमाव, नाक मैं खुजली गले मैं खरास एलर्जी अक्सर वात और कफ के असंतुलन कारण होता है तथा जिसे वासावलेह संतुलित करता है।

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वासावलेह के नुकसान। vasavaleha side effects in hindi

वासावलेह एक पूर्णतः आर्युवेदिक दवाई तथा जिसके दुष्प्रभावों के बारे मैं चिकित्सा जगत मैं कोई जानकारी उपलब्ध नहीं हैं अथवा अज्ञात है।

लेकिन कुछ स्थितियों मैं इसके नुकसान देखने को मिल सकते है तो आइए जानते है की वासावलेह के क्या साइड इफेक्ट्स होते हैं।

  • निर्धारित मात्रा से अधिक और गलत तरीके से वासावलेह का सेवन किए जाने पर इसके साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते है।
  • शराब पीने के बाद यदि कोई व्यक्ति इसका सेवन करता है तो ऐसी स्थिति मैं भी इसके साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते है क्योंकि यह एल्कोहल के साथ मिश्रित हो कर शरीर पर विपरित प्रभाव डाल सकता है।
  • वासावलेह मैं उपस्थित किसी घटक सामग्री से एलर्जी होने के बावजूद यदि इसका सेवन किया जाता है तो भी इसके दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते है।
  • ऐसे व्यक्ति जी की किसी अन्य बीमारी से पीड़ित है और बिना अपने चिकित्सक की सलाह के इसका सेवन किया जाता है तो इसके साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते है।
  • एक्सपायर हो चुके वासावलेह का सेवन किए जाने पर इसके दुष्प्रभाव शरीर पर हो सकते है।

वासावलेह के सेवन के दौरान यदि इसके साइड इफेक्ट्स देखने को मिलते है तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

वासावलेह के दुस्प्रभावो से जुडे आपके व्यक्तिगत अनुभव या जानकारी है तो हमारे साथ जरूर शेयर करे यह हमारे और हमारे पाठको के लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी होगी।

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वासावलेह से संबधित सावधानी।

वासावलेह का सेवन करने से पहले कुछ सावधानियां है जिन्हे ध्यान मैं रखना बेहद जरूरी होता है इन महत्वपूर्ण बातों को यदि आप ध्यान में रखते है तो अनजाने मैं होने वाले नुकसान से बच सकते है।

  • गर्भवती महिलाओं के लिए वासावलेह सुरक्षित है या नही इसके बारे मैं कोई पर्याप्त जानकारी नहीं है अथवा गर्भवती महिलाए इसका सेवन चिकित्सक की सलाह के बाद ही करे।
  • ऐसे लोग जो की किसी अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित और वर्तमान मैं उपचार ले रहे हैं उन्हें इसका सेवन अपने चिकित्सक की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
  • हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मरीजों को इसका सेवन चिकित्सक की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
  • वासावलेह मैं उपस्थित किसी घटक सामग्री से एलर्जी अथवा किसी प्रकार की समस्या होने पर इसका सेवन न करें।
  • ऐसी महिलाएं जो की हालही मै मां बनी है और अपने शिशु को स्तनपान कराती है उन्हे इसका सेवन चिकित्सक की सलाह के बाद ही करना चहिए।
  • अन्य दवाओं के साथ वासावलेह का सेवन करने से अपने चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
  • वासावलेह का सेवन पैक पर दिए गए निर्देश अथवा चिकित्सक द्वारा बताए गए तरीके से ही करे।
  • वासावलेह का सेवन करने से पहले पैक पर दिए गए सभी महत्वपूर्ण जानकारी को ध्यानपूर्वक पढ़ें और उपयोग करे।

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वासावलेह सेवन विधि। vasavaleha uses in Hindi 

वासावलेह का सेवन कैसे करें? किसी भी दवाई को लेने का एक समय और तरीका होता है तभी यह आपके शरीर को पूर्ण रूप से फायदा पहुंचाती है ठीक उसी प्रकार से वासावलेह को भी लेने एक सही तरीका होता है।

तो आइए जानते है की वासावलेह का सेवन कैसे किया जाता है।

विधि: वासावलेह का लाभ लेने के लिए 2 से 5 ग्राम(एक छोटी चम्मच)  गर्म पानी या दूध मैं मिलाकर भोजन के बाद सुबह शाम सेवन करे।

ध्यान रहे: यदि आप वासावलेह का सेवन चिकित्सक की सलाह से कर रहे है तो उनके द्वारा बताए गए तरीके से ही करे तथा दूध से एलर्जी होने पर पानी के साथ इसका सेवन करे।

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वासावलेह के घटक। vasavaleha ingredients in Hindi 

वासावलेह मैं यह सभी औषधियां सम्मिलित होती है।

  • वसाका की जड़ 
  • पीपल 
  • घी 
  • मिश्री

वासावलेह बनाने की विधि। How to make vasavaleha in Hindi

वासावलेह बनाने के लिए सर्वप्रथम अंडूसा यानी की वासा के पत्तों को पीसकर इसका रस निकाल लिया जाता है इसके बाद इसे मिश्री मैं मिलाकर धीमी आंच पर पकाया जाता है। जब यह मिश्रण गाढ़ा होने लगता है तब इसमें पीपली का चूर्ण और गाय का घी मिलकर ठंडा किया जाता है। मिश्रण ठंडा होने के बाद आखिर मैं इसमें शहद मिलाया जाता है इस तरह से वासावलेह तैयार किया जाता है।

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वासावलेह की क़ीमत। Vasavaleha Price in India 

वासावलेह भारत की अलग अलग आयुर्वेदिक दवाई कंपनियां बनाती जिसकी कीमत निम्नलिखित है। यह कीमत समय के साथ बदलती रहती है।

  • वासावलेह बैद्यनाथ–190/
  • झंडु वासावलेह–270/
  • डाबर वासावलेह–168/

Bablu Bhengra
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