सबसे ज्यादा कारगार 6 खांसी और सांस फूलने की आयुर्वेदिक दवा। 

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खांसी और सांस फूलने की आयुर्वेदिक दवा: खासी और सास फूलने की समस्या अस्थमा की और संकेत देते है जो एक गंभीर स्वास रोग है। खांसी और सांस फूलने के लिए विभिन्न प्रकार की दवाएं हर चिकित्सा पद्धति उपलब्ध जिन्हे चिकित्सक की सलाह से लिया जा सकता है।

तथा इस लेख मैं हम खांसी और सांस फूलने की आयुर्वेदिक दवा के बारे मैं जानेंगे। तथा इन दवाईयों का उपयोग कैसे किया जाता है और इस्तेमाल के दौरान आपको कौन-कौन सी सावधानियां रखनी चाहिए इसके बारे में भी हम इस लेख में जानेंगे।


खांसी और सांस फूलने की आयुर्वेदिक दवा।

आयुर्वेद चिकित्सा भारत की एक पुरानी और कारगर का चिकित्सा पद्धति है तथा खांसी और सांस फूलने के लिए विभिन्न प्रकार की दवाई अलग-अलग आयुर्वेदिक दवाई कंपनी करती है जिसके बारे में हम इस लेख में चर्चा करने वाले हैं तो लिए इन दवाईयों के बारे में जानते हैं।

1.पतंजलि दिव्य स्वशारी गोल्ड कैप्सूल

सांस फूलने की दवा पतंजलि: पतंजलि आयुर्वेद अपने उत्पादों के कारण आए दिनों चर्चा में बनी रहती है तथा पतंजलि आयुर्वेद की दिव्या स्वसारी गोल्ड कैप्सूल खांसी, सांस फूलना, ब्रोकाइटिस और अस्थमा जैसे रोगों के इलाज के लिए बेहद फायदेमंद होती है इसके मुख्य घटकों में त्रिकटु चूर्ण, सीतोपलादि चूर्ण, अभ्रक भस्म, स्वर्ण बसंत मालती रस, मोती पिष्टी और गोदंती भस्म जैसी सक्रिय औषधि सम्मिलित है।

यह जमा हुए कैफ को बाहर निकलने में मदद करती है और गले में होने वाली खराश और संक्रमण जैसी स्थितियों से लड़ने में मदद करती है।

2.बैद्यनाथ कफ कुठार रस

बैद्यनाथ की कफ कुठार रस सभी प्रकार की खांसी और सास फूलने की समस्या के लिए उपयोग की जाने वाली एक बहुत ही फायदेमंद आयुर्वेदिक दवाई है इसके मुख्य घटकों शुद्ध पारा ,शुद्ध गंधक, त्रिकटु ,लोहा भस्म, ताम्र भस्म एवं धतूरे का स्वरस शामिल है जो पुरानी खांसी और सांस फूलने जैसी समस्या से राहत पाने में मदद करती हैं इसके अलावा यह है बुखार के लिए भी फायदेमंद होती है।

3. सीतोपलादि चूर्ण

आयुर्वेद चिकित्सा में स्वास्थ्य संबंधी रोगों के लिए उपयोग किए जाने वाली दवाइयां में सितोपलादि चूर्ण एक बहुत ही फायदेमंद और कारगर आयुर्वेदिक दवाई है इसके मुख्य घटकों में मिश्री, वंशलोचन, पिपली , दालचीनी एवं इलायची जैसी औषधियां शामिल है जो सर्दी, खांसी ,सास फूलना ,जुकाम ,अस्थमा ,ज्वर ,भूख की कमी, अधिक प्यास लगना, ,हाथ पैरों की जलन में उपयोगी होता है।


4. कनकासव

अस्थमा, पुरानी खासी और सास फूलने की समस्या के उपचार के लिए कनकासव एक बेहद फायदेमंद आयुर्वेदिक दवाई है इसके मुख्य घटकों मैं धतूरा पंचांग, वसामूल, पीपल, छोटी कटेली, नागकेशर, सुनती, भारंगी, तालीसपत्र, ढाई के फूल, मुन्नका, गुड़ जैसी बेहद सक्रिय औषधियों को सम्मिलित किया गया है जो खासी और सास फूलने की समस्या के उपचार मैं मदद करते है।

5. वसारिष्ट 

पुरानी खांसी और सांस फूलने जैसी समस्याओं के लिए उपयोग की जाने वाली वसारिष्ट एक फायदेमंद आयुर्वेदिक दवाई है इसका निर्माण अलग-अलग आयुर्वैदिक दवाई कंपनियां करती है इसके मुख्य घटकों मैं अडूसा, चतुरजात, सोंठ, मारीच, कबाबचीनी, पीपल, सुगंधबाला, धातकी और गुड़ शामिल है जो सभी प्रकार के सर्दी, खासी और जुकाम मैं लाभकारी होती है।

6.स्वचिंतामणि रस

स्वचिंतामणि आयुर्वेद चिकित्सा की एक जाने वाली दवाई है रोगनाशक एवं टॉनिक. पुरानी, खांसी, अस्थमा, एनीमिया और सामान्य दुर्बलता में संकेतित, प्रतिरक्षा में सुधार करता है। एवं यह अन्य स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं के उपचार के लिए भी उपयोग की जाने वाली एक कारगर दवाई है। इसके मुख्य घटकों मैं लौह भस्म, गंधक, मोती भस्म, अभ्रक भस्म, पारद, स्वर्ण माक्षिक भस्म, स्वर्ण भस्म आदि शामिल है।

7.डाबर श्वासामृत

डाबर श्वासामृत एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसे विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटियों से तैयार किया गया है जो सांस फूलना, पुरानी खांसी, सर्दी और ब्रोंकाइटिस और हल्की खांसी से राहत दिलाने में मदद करती है इसके मुख्य घटकों मैं यष्टिमधु, कंटकारी, शिरीष छल, अडूसा, विभीतक, भारंगी, गिलोय, हरिद्रा शामिल है।


खांसी और सांस फूलने की आयुर्वैदिक दवा के नुक्सान , दुष्प्रभाव साइड इफेक्ट्स । 

खांसी और सांस फूलने के लिए उपयोग की जाने वाली  दवाये पूर्णतः आयुर्वेदिक हैं तथा यही कारन हैं की इसके दुष्प्रभावों के बारे मैं कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है अथवा अज्ञात हैं। 

लेकिन कुछ स्थितियों में इन दवाओं के दुष्प्रभाव शरीर पर हो सकते हैं तो आईए जानते हैं कि खांसी और सांस फूलने की आयुर्वैदिक दवा के क्या नुकसान हो सकते हैं।

  • निर्धारित मात्रा से अधिक और गलत तरीके से खांसी और सांस फूलने की आयुर्वैदिक दवाओं का सेवन किया जाता है तो ऐसी स्थिति में इसके दुष्प्रभाव शरीर पर हो सकते हैं।
  • शराब पीने के बाद यदि कोई व्यक्ति इन दवाओं का उपयोग करता है तो ऐसी स्थिति में भी इसके दुष्प्रभाव शरीर पर हो सकते हैं क्योंकि यह शराब के साथ मिश्रित होकर शरीर पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है।
  • ऐसे व्यक्ति जो की किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है और बिना अपने चिकित्सक की सलाह के इन दवाओं का सेवन करते हैं तो ऐसी स्थिति में भी इसके दुष्प्रभाव होने के मौके बन सकते हैं।
  • खांसी और सांस फूलने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं मैं उपस्थित किसी घटक सामग्री से एलर्जी होने के बावजूद भी यदि इसका सेवन किया जाता है तो ऐसी स्थिति में भी इसके दुष्प्रभाव शरीर पर हो सकते हैं।
  • एक्सपायर हो चुके दवाओं का सेवन किए जाने पर भी इसके दुष्प्रभाव शरीर पर देखने को मिल सकते हैं। अथवा उपयोग से पहले पाक पर एक्सपायरी डेट अवश्य चेक करें।

खांसी और सांस फूलने के लिए बताई गई आयुर्वैदिक दवाओं के इस्तेमाल के दौरान किसी भी प्रकार के दुष्प्रभावों का अनुभव होने पर इसका सेवन बंद कर दे और तुरंत चिकित्सक से संपर्क करे। 

खांसी और सांस फूलने के लिए बताई गई आयुर्वैदिक दवाओं के दुष्प्रभावों से जुड़े यदि आपके कुछ व्यक्तिगत अनुभव या जानकारी है तो कमेंट के माध्यम से हमारे साथ जरूर शेयर करें यह हमारे और हमारे पाठकों के लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी होगी।

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खांसी और सांस फूलने की आयुर्वेदिक दवा से संबंधित सावधानी। 

खांसी और सांस फूलने के लिए आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जिन्हें ध्यान में रखना बेहद जरूरी है इन सावधानियां को यदि आप ध्यान में रखते हैं तो अनजाने में होने वाली कई प्रकार के नुक़सान से बच सकते हैं।

  • गर्भवती महिलाओं को इन दवाओं  का सेवन चिकित्सक की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
  • ऐसे व्यक्ति जो वर्तमान समय में किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है और उपचार ले रहे हैं उन्हें इन दवाओं का सेवन अपने चिकित्सक की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
  • हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मरीजों को इसका सेवन अपने चिकित्सक की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
  • ऐसी महिलाएं जो की हाल ही में मां बनी है और अपने शिशु को स्तनपान कराते हैं उन्हें इन दवाओं का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
  • खांसी और सांस फूलने लिए आयुर्वेदिक दवाओं मैं उपस्थित घटक सामग्री से किसी भी प्रकार की एलर्जी अथवा समस्या होने पर इसका का सेवन न करें।
  • खांसी और सांस फूलने के लिए आयुर्वैदिक दवाओं का सेवन पैक पर दिए गए निर्देश अथवा चिकित्सक द्वारा बताए गए तरीकों से ही सेवन करें।
  • अन्य किसी भी दवाई अथवा सप्लीमेंट्स के साथ इन दवाओं का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।
  • इन दवाओं का सेवन करने से पहले अपनी वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति पर अच्छे से समीक्षा करें।
  • खांसी और सांस फूलने के लिए इन आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन करने से पहले पैक पर दिए गए सभी महत्वपूर्ण निर्देशों को ध्यानपूर्वक पड़े।
  • गंभीर हृदय रोग , लिवर रोग या सर्जरी जैसी स्थितियों मैं इन दवाओ का सेवन चिकित्सक की सलाह से करे।

Bablu Bhengra
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