टाइफाइड का आयुर्वेदिक इलाज ऐसे करे। Typhoid ka ayurvedic ilaj in hindi

टाइफाइड का आयुर्वेदिक इलाज | टाइफाइड को जड़ से खत्म करने के लिए क्या करें? Typhoid ka ayurvedic ilaj in hindi | टाइफाइड की पहचान क्या है? टाइफाइड में क्या सावधानी रखनी चाहिए | इफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज | टाइफाइड में जल्दी ठीक होने के लिए क्या खाएं?


टायफाइड जिसे मोतीझरा या आंतो का ज्वर भी कहा जाता है यह एक प्रकार का बुखार मैं जो की संक्रमण के कारण होता है। टायफाइड फैलाने वाले बैक्ट्रियां हमारे शरीर मैं दूषित पानी अथवा भोजन के माध्यम से प्रवेश करते है।

टाइफाइड का मुख्य कारक साल्मोनेला टाइफी बैक्ट्रिया से होता है भारत में टाइफाइड का उपचार पारंपरिक एलोपैथिक चिकित्सा और घरेलू उपचार के माध्यम से किया जा सकता है तथा इस लेख में हम टाइफाइड का आयुर्वेदिक इलाज के बारे मैं जानेंगे।

इसके अलावा टाइफाइड की पहचान क्या है? एवम टाइफाइड में क्या सावधानी रखनी चाहिए इसके बारे मैं भी हम इस लेख मैं विस्तार से जानेंगे।


टाइफाइड क्या हैं। typhoid in hindi 

टाइफाइड एक तरह का बुखार है जो कि साल्मोनेला टाइफी बैक्ट्रिया से होता है यह बैक्टियां आपके शरीर मैं दूषित खाद्य पदार्थ और पानी के माध्यम से आपके शरीर मैं प्रवेश करता है। टायफाइड संक्रमण(बुखार) होने पर ठंड लग कर बुखार आना सिर दर्द जैसे लक्षण देखने को मिलते है।


टाइफाइड की पहचान क्या है?typhoid ki pahchan hindi mein

टाइफाइड के शुरुआती लक्षणों में बुखार शामिल है लेकिन जरूरी नहीं की वह बुखार टाइफाइड हो तथा इसी दुविधा में लोग लापरवाही करते हैं और टाइफाइड का सही समय पर उपचार नहीं करते हैं जिसके बाद उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

टाइफाइड की पहचान आप इसके शुरुआती लक्षणों के माध्यम से कर सकते हैं टाइफाइड की पहचान आप उसके लक्षणों के आधार पर कर सकते हैं तथा जिसके बाद आप टाइफाइड की पुष्टि कर सही उपचार ले सकते हैं।


टाइफाइड के लक्षण।typhoid symptoms in hindi

टाइफाइड होने पर इसके शुरुआती लक्षणों के माध्यम से आप टाइफाइड की पुष्टि कर सकते हैं और सही समय पर उपचार कर टाइफाइड से छुटकारा पा सकते हैं तो आइए टाइफाइड के लक्षणों के बारे में जानते हैं।

  • बुखार 
  • ठंड लगना
  • दस्त
  • उल्टी 
  • भूख न लगना
  • जी मचलना
  • कमजोरी
  • पेट दर्द
  • चक्कर आना
  • मुंह का स्वाद बदलना

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टाइफाइड का आयुर्वेदिक इलाजtyphoid ayurvedic treatment hindi

आयुर्वेदिक चिकित्सा भारत की पुरानी और कारगर चिकित्सा पद्धति है तथा टाइफाइड का आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में उपचार मौजूद है तो आइए जानते हैं की टाइफाइड की आयुर्वेदिक दवा कौन सी है?

1. संजीवनी वटी

संजीवनी वटी टाइफाइड में होने वाले बुखार की लिए अत्यंत फायदेमंद माना जाता है हरण बहेड़ा आंवला और गिलोय का मिश्रण उपस्थित होता है जो कि टाइफाइड के दौरान होने वाले बुखार को कम करता है। तथा संजीवनी वटी का उपयोग करके टाइफाइड में लाभ लिया जा सकता है।

2.त्रिभुवनकीर्ति रस

टाइफाइड होने पर पीड़ित व्यक्ति को बुखार के साथ हाथ पैर दर्द और बदन दर्द की शिकायत भी होती है तथा त्रिभुवनकीर्ति रस इन लक्षणों को कम करने के लिए फायदेमंद होता हैं। त्रिभुवन कीर्ति रस तुलसी, अदरक, पीपली और शुद्ध हिंगुल जैसी औषधियों से मिलकर बना है जो कि बुखार के साथ होने वाले दर्द को कम करने का कार्य करता है।

3. सुदर्शन चूर्ण या सुदर्शन वटी

सुदर्शन चूर्ण का उपयोग कर चुके लोग इसे इसके अत्यंत कड़वे स्वाद के वजह से भी जानते हैं तथा जितना यह कड़वा होता है उतना ही ज्यादा यह फायदेमंद भी होता है।  सुदर्शन चूर्ण का मुख्य घटक चिरायता होता है जो कि बुखार के लिए एक रामबाण औषधि मानी जाती है अपने नाम की तरह ही बुखार को तेजी से कम करने के लिए उपयोगी माना जाता।

4.सीतोपलादी चूर्ण

सितोपलादि चूर्ण सौंफ, मिश्री, इलाइची, वनस्लोचन और पीपली के मिश्रण से निर्मित होता है तथा यह टायफाइड बुखार के उपचार के लिए बेहद फायदेमंद होता है।

5. खूबकला 

खूबकला राइ की  श्रेणी मैं आने वाली औषधि हैं जिसका उपयोग टाइफाइड मैं काफी फायदेमंद माना जाता है टाइफाइड मैं खूबकला का उपयोग विगत कई वर्षो से घरेलु नुस्खे के तौर पर किया जाता रहा हैं खूबकला का उपयोग अंजीर ,मुनक्का अथवा दूध के साथ किया जाता है। 

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बैद्यनाथ में टाइफाइड की दवा

वैधनाथ आयुर्वेद भारत की एक काफी पुरानी और भरोसेमंद दवाई कंपनी हैं तथा बैधनाथ कंपनी मैं टाइफाइड के लिए उपचार मौजूद हैं। इन दवाओं का उपयोग टाइफाइड के लक्षणों को रोकने के लिए किया जा सकता हैं।  बैद्यनाथ में टाइफाइड की दवा कुछ इस प्रकार हैं। 

  • गुडुची घनवटी 
  • पपेनविन टैबलेट
  • फीवरकट टेबलेट 

पतंजलि टाइफाइड की दवा

पतंजलि आयुर्वेद भारत की एक जानी मानी आयुर्वेदिक कंपनी हैं जो की अपने सस्ते उत्पादों के कारन जानी जाती हैं तथा टाइफाइड के उपचार हेतु इसकी कुछ दवाओं का उपयोग किया जा सकता है और टाइफाइड मैं लाभ लिया जा सकता है। तो आइए पतंजलि टाइफाइड की दवा के बारे मैं जानते है। 

  • गिलोय घन वटी 
  • त्रिभुवनकीर्ति रस 
  • सितोपलादि चूर्ण 
  • चिरायता क्वाथ 
  • गिलोय क्वाथ 
  • महासुदर्शन घन वटी 

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डाबर मेडिसिन फॉर टाइफाइड

डाबर भारत की सबसे पुराणी आयुर्वेदिक दवाये बनानी वाली कंपनी हैं तथा डाबर कंपनी ने कुछ ऐसी दवाओं का निर्माण किया है जिनका उपयोग करके टाइफाइड से राहत पाया जा सकता हैं। 

  • गिलोय वटी 
  • सुदर्शन काढ़ा 
  • सुदर्शन चूर्ण
  • सुदर्शन वटी 
  • संजीवनी वटी 
  • त्रिभुवनकीर्ति रस टेबलेट 
  • सितोपलादि चूर्ण 

FAQ : टाइफाइड का आयुर्वेदिक इलाज

Q : टाइफाइड में क्या सावधानी रखनी चाहिए?

ANS : टाइफाइड मैं तेल ,घी , मिर्च , मसाले ,चावल , मांश , मछली  यह चीजे नहीं खाना चाहिए तथा बाहर के खाद्य पदार्थो से भी परहेज रखना चाहिए टाइफाइड मैं यह सभी सावधानियां रखनी चाहिए। 

Q :टाइफाइड को जड़ से खत्म करने के लिए क्या करें?

ANS : टाइफाइड को जड़ से खत्म करने के लिए सभी सावधानियां और परहेज रखना चाहिए और घरेलु नुस्खे जैसे तुलसी ,गिलोय का सेवन करना चाहिए एवं मुनक्का का भी सेवन करे। 

Q : टाइफाइड किसकी कमी से होता है?

ANS : टाइफाइड संक्रमण से होने वाला रोग है जो की साल्मोनेला एन्टेरिका सेरोटाइप टाइफी बैक्ट्रिया के कारन से होता हैं यह बैक्ट्रिया शरीर मैं दूषित भोजन और पानी के माध्यम से शरीर मैं प्रवेश करते हैं। 

Q : टाइफाइड में जल्दी ठीक होने के लिए क्या खाएं?

ANS : टाइफाइड में जल्दी ठीक होने के लिए बिना छिलके वाले फलो का सेवन करना चाहिए दाल हरी सब्जी खिचड़ी और तरल पदार्थो का सेवन करना चाहिए।

Bablu Bhengra
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